शिकोहाबाद। शब्दम् के उन्नीसवें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर शब्दम् हिन्दी सेवी सम्मान हिन्दी के चर्चित वरिष्ठ कवि मदन कश्यप को प्रदान किया गया इसके साथ ही ब्रजभाषा काव्यगोष्ठी का भी आयेाजन किया गया, जिसमें जयपुर से आये भूपेन्द्र ‘भरतपुरी’ तथा अलीगढ़ से आये नरेन्द्र शर्मा ‘नरेंद्र’ ने ब्रजभाषा में राधाप्रेम से सरावोर कविताएं पढ़कर सबका मन मोह लिया।
इस अवसर पर शब्दम् अध्यक्ष किरण बजाज ने मुम्बई से भेजे अपने संदेश में कहा कि अब कोई अलग से भी अपनी साहित्यिक अभिव्यक्ति, संस्कृति, ग्रामीण बोली या भाषा रखना चाहे तो जरूर रखे। सब अपनी अपनी स्थानीय कलाओं को विकसित करें। लेकिन अब बोलियों में स्कूल-काॅलिज नहीं खुल सकते। इसमें विधान सभा, बाजार, दुकानें, समाचारपत्र, ई-मीडिया नहीं चल सकते। इसलिए हिन्दी क्षेत्र की सभी बोलियों-उप भाषाएं-भाषाएं मिल कर हिन्दी को ज्ञान की भाषा के रूप में विकसित कर सकें तो यह एक बड़ी घटना होगी।
इस अवसर पर मदन कश्यप ने कहा कि हिन्दी कविता का मुख्य स्वर प्रतिरोध है। उन्होंने कहा कि समाज, राजनिति, धर्म कोई भी क्षेत्र हो हर जगह पाखण्ड़ साम्राज्य है। ऐसे में कविता ही है जो सच के साथ निर्भीकता से खड़ी है। हालांकि कविता के सामने भी गम्भीर चुनौतियां हैं और इसके भीतर भी बाजार की ताकतों का प्रवेश हो चुका है फिर भी इसका बड़ा हिस्सा इस बाजार के विरूद्ध है और राजनीति और धर्म के साथ-साथ बाजार के द्विचित्तापन के विरूद्ध भी एक मजबूत आवाज के साथ कविता खड़ी है। मदन जी ने इस अवसर पर अपनी चुनी हुई कविताओं का भी काव्यपाठ किया जिसमें अपनी कविता पराजय का गीत मेें उन्होंने आज के समय के विजेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘विजेता तुम्हारी उन्मादी दुनियां से कहीं बेहतर है, हम पराजितों की मासूम दुनियां...तुम्हारी जीत में नहीं हमारी हार में ही बची रहेगी ‘मनुष्यता’।
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. धु्रवेन्द्र भदौरिया तथा अध्यक्षता डाॅ. चन्द्रवीर जैन ने की। कार्यक्रम में मंजर उलवासै, अरविन्द तिवारी, प्रीवन कुमार , मोहकम सिंह, संतोष वशिष्ट, शरद बरेजा, पुष्कल यादव, नवीन मिश्रा, विनीत वसंत, ग्रीश चंद्र ‘ग्राीश, ग्रीश फलक, डाॅ. टी.एन. यादव, निर्दोष कुमार ‘प्रेमी’, अश्वनी जैन, दीप्ती सक्सेना, सुनीता पालीवाल, मदालसा त्रिपाठी, आशा पोरवाल, उदयवीर शर्मा, आर.सी. दुबे सहित नगर गण्यमान्य उपस्थित रहे।
Posted On:Sunday, November 19, 2023