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भूटान में बनेगा 570 मेगावॉट का हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट, अडाणी पावर और DGPC ने मिलाया हाथ

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Posted On:Saturday, September 6, 2025

भारत की सबसे बड़ी निजी पावर उत्पादक कंपनी अडाणी पावर और भूटान की सरकारी बिजली कंपनी Druk Green Power Corporation (DGPC) ने एक ऐतिहासिक समझौता किया है। इस समझौते के तहत दोनों कंपनियां मिलकर 570 मेगावॉट की क्षमता वाला वांगचू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट विकसित करेंगी। यह समझौता BOOT मॉडल (Build, Own, Operate, Transfer) के तहत किया गया है, यानी प्रोजेक्ट का निर्माण, संचालन और कुछ वर्षों तक स्वामित्व अडाणी पावर के पास रहेगा, जिसके बाद इसे भूटान सरकार को सौंप दिया जाएगा।

निवेश और निर्माण की समयसीमा

इस मेगा प्रोजेक्ट में करीब 60 अरब रुपये (6,000 करोड़ रुपये) का निवेश किया जाएगा। प्रोजेक्ट की विस्तृत रिपोर्ट पहले ही तैयार हो चुकी है और 2026 की पहली छमाही में निर्माण कार्य शुरू करने की योजना है। लक्ष्य है कि यह प्रोजेक्ट अगले पांच वर्षों में पूरी तरह तैयार हो जाए।

उच्चस्तरीय मौजूदगी और रणनीतिक महत्व

समझौते के मौके पर भूटान के प्रधानमंत्री दशो शेरिंग टोबगे और अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी स्वयं उपस्थित रहे। इस अवसर ने भारत और भूटान के ऊर्जा सहयोग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में काम किया।

बिजली की आपूर्ति: सर्दियों में भूटान, गर्मियों में भारत

अडाणी पावर के CEO एस.बी. ख्यालिया ने बताया कि यह प्रोजेक्ट भूटान की सर्दियों में बिजली की कमी को पूरा करेगा, जब जल प्रवाह कम होता है और हाइड्रो उत्पादन घट जाता है। वहीं गर्मियों में, जब जलस्तर ऊंचा होता है और उत्पादन अधिक होता है, तो अतिरिक्त बिजली भारत को एक्सपोर्ट की जाएगी। इससे न केवल भूटान की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि भारत को भी बिजली की सतत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।

भारत-भूटान की दशकों पुरानी साझेदारी

DGPC के मैनेजिंग डायरेक्टर दशो छेवांग रिन्जिन ने बताया कि भारत और भूटान की हाइड्रोपावर में साझेदारी 1960 के दशक से चली आ रही है, जिसने दोनों देशों को लाभ पहुंचाया है। भूटान का लक्ष्य है कि वह 2040 तक 15,000 मेगावॉट हाइड्रो पावर और 5,000 मेगावॉट सोलर पावर विकसित करे।

DGPC और अडाणी की अगली योजनाएं

वांगचू प्रोजेक्ट, मई 2025 में हुए एक MoU का हिस्सा है, जिसमें दोनों कंपनियों ने मिलकर 5,000 मेगावॉट हाइड्रो क्षमता विकसित करने का लक्ष्य तय किया था। आने वाले वर्षों में अडाणी पावर और DGPC कई और प्रोजेक्ट्स पर मिलकर काम करेंगे।

कंपनियों का परिचय

  • अडाणी पावर: भारत की सबसे बड़ी निजी थर्मल पावर उत्पादक कंपनी, जिसकी कुल क्षमता 18,110 मेगावॉट है। इसके पावर प्लांट देश के कई राज्यों जैसे गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड और तमिलनाडु में स्थित हैं।

  • DGPC (Druk Green Power Corporation): भूटान की सरकारी पावर कंपनी है, जिसकी मौजूदा उत्पादन क्षमता 2,500 मेगावॉट से अधिक है। सरकार की योजना है कि इसे 2040 तक 25,000 मेगावॉट तक बढ़ाया जाए।

निष्कर्ष

अडाणी पावर और DGPC का यह संयुक्त उपक्रम भारत और भूटान की ऊर्जा साझेदारी को नई दिशा देगा। यह न केवल दोनों देशों के बीच आर्थिक और रणनीतिक रिश्तों को मजबूत करेगा, बल्कि क्षेत्रीय ऊर्जा स्थिरता के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा।

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