सप्ताह के पहले कारोबारी सत्र यानी सोमवार (3 मार्च) को घरेलू शेयर बाजार मजबूती के साथ हरे निशान में खुला। वैश्विक बाजारों से सकारात्मक संकेत मिलने से घरेलू शेयर बाजार में भी सुधार देखने को मिला।
शेयर बाजार की शुरुआत तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स आज 200 अंकों से अधिक बढ़कर 73,427 अंकों पर खुला। शुक्रवार को यह 73,198 अंक पर बंद हुआ था। सुबह 9:20 बजे सेंसेक्स 429.31 अंक या 0.59% की बढ़त के साथ 73,627.41 पर कारोबार कर रहा था।
इस बीच, फरवरी के मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई आंकड़े, तीसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े और विदेशी निवेशकों (एफआईआई) की गतिविधियां बाजार की दिशा तय करेंगी। निवेशकों की नजर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा इस सप्ताह घोषित किये जाने वाले नये टैरिफ पर भी है।
वैश्विक बाजारों से संकेत एशिया-प्रशांत शेयर बाजारों में सोमवार को तेजी रही, क्योंकि निवेशक इस सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा घोषित की जाने वाली टैरिफ योजनाओं पर स्पष्टता की प्रतीक्षा कर रहे हैं। रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने रविवार को कहा कि मैक्सिको और कनाडा पर लगाए गए शुल्क अभी भी 'परिवर्तनशील' हैं। हालांकि, उन्होंने पुष्टि की कि चीन से आयातित उत्पादों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क को अंतिम रूप दे दिया गया है।
इस बीच, चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने राष्ट्रपति ट्रम्प के नए टैरिफ प्रस्तावों पर कड़ी आपत्ति जताई और अमेरिका को जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यदि अमेरिका अपनी जिद पर अड़ा रहा तो चीन अपने वैध हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका को पिछली गलतियों को नहीं दोहराना चाहिए और समानता के आधार पर बातचीत के जरिए समाधान खोजने का सही रास्ता अपनाना चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय बाजार का प्रदर्शन बाजार के प्रदर्शन की बात करें तो जापान का निक्केई सूचकांक 0.67 प्रतिशत बढ़ा, जबकि व्यापक टॉपिक्स सूचकांक में 0.75 प्रतिशत की बढ़त देखी गई। ऑस्ट्रेलिया का एएसएक्स 200 सूचकांक भी 0.22 प्रतिशत ऊपर कारोबार कर रहा था। हालांकि, सार्वजनिक अवकाश के कारण दक्षिण कोरियाई बाजार बंद रहे।
अमेरिकी बाजारों में भी मजबूती देखी गई, एसएंडपी 500 में 1.59 प्रतिशत, डाऊ जोन्स में 1.39 प्रतिशत तथा नैस्डैक में 1.63 प्रतिशत की बढ़त रही। हालांकि, रूस-यूक्रेन संकट को लेकर अमेरिका और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के कारण दिन के दौरान बाजार में थोड़ी गिरावट आई, लेकिन सूचकांक पुनर्संतुलन और तकनीकी खरीदारी के कारण बाजार अंततः मजबूती के साथ बंद हुआ।
घरेलू अर्थव्यवस्था के संकेत वित्त वर्ष 2024-25 की दिसंबर तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर बढ़कर 6.2% हो गई, जो पिछली तिमाही की 5.6% की वृद्धि से तेज सुधार दर्शाती है। इससे पहले दो तिमाहियों में गिरावट देखी गई थी। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने पूरे वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 6.5% की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो जनवरी में अनुमानित 6.4% से थोड़ा अधिक है।
विदेशी निवेशक अभी भी सतर्क भारतीय बाजार में चल रहे सुधार के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) फिलहाल किनारे पर हैं। सैमको ग्रुप के सीईओ जिमीत मोदी के अनुसार, जब तक मूल्यांकन आकर्षक स्तर पर नहीं पहुंच जाता, एफपीआई निवेशक भारतीय बाजार में सक्रिय नहीं होंगे।
शेयर बाजार में हालिया बिकवाली भारतीय शेयर बाजार में हाल ही में भारी बिकवाली देखी गई है, जिससे मूल्यांकन आठ वर्ष के निम्नतम स्तर पर पहुंच गया है। बीएसई सेंसेक्स का पिछला मूल्य-से-आय (पी/ई) अनुपात शुक्रवार को 20.4 गुना तक गिर गया, जो मई 2020 के बाद का सबसे निचला स्तर है। इससे पहले कोविड-19 के दौरान बाजार में आई गिरावट के कारण यह 19.5 गुना तक पहुंच गया था। निवेशकों की चिंता का मुख्य कारण आर्थिक स्थिति और कॉर्पोरेट आय पर अनिश्चितता है।
भारतीय शेयर बाजार में यह उछाल निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि, वैश्विक बाजार की घटनाओं और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों पर लगातार नजर बनाए रखना आवश्यक है।