56वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI 2025) का आगाज 20 नवंबर से गोवा में हो चुका है, और इसी के साथ खुल गया है विश्व सिनेमाका सबसे बड़ा जश्न। इस साल का महोत्सव कई यादगार क्षणों का वादा करता है, लेकिन सबसे बहुप्रतीक्षित स्क्रीनिंग में से एक है निर्माता-निर्देशकगिरीश मलिक की डॉक्यू-ड्रामा ‘महामंत्र – द ग्रेट चैंट’ का भव्य प्रीमियर। इसे एक विशेष शोकेस के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा, जो इसे और भी खासबनाता है।
75 मिनट की यह अंग्रेज़ी भाषा की फिल्म गिरीश मलिक की अब तक की सबसे आध्यात्मिक और अर्थपूर्ण कृति मानी जा रही है। ‘महामंत्र – द ग्रेटचैंट’ वर्तमान विश्व की अस्थिरता—महामारियाँ, युद्ध, जलवायु संकट और सामाजिक विभाजन—के बीच अर्थ, संतुलन और चेतना की तलाश कोगहराई से छूती है। डॉक्यूमेंट्री का शक्तिशाली नेरेशन पद्मश्री ब्रिगेडियर डॉ. अरविंद लाल ने किया है, जिनकी आवाज़ इसमें और भी अधिक प्रभावजोड़ती है।
फिल्म का संगीत कई ग्रैमी नामांकनों से सम्मानित प्रसिद्ध संगीतकार बिक्रम घोष ने तैयार किया है, जो डॉक्यू-ड्रामा के आध्यात्मिक आधार कोभावपूर्ण श्रव्य अनुभव में बदल देता है। गिरीश मलिक हमेशा से सीमाओं को तोड़कर नया रचने के लिए जाने जाते हैं—उनकी पहली फिल्म Jal (2014) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराही गई, राष्ट्रीय पुरस्कार जीता और ऑस्कर की लिस्ट में भी जगह पाई। Torbaaz (2021) ने नेटफ्लिक्स परवैश्विक दर्शकों को प्रभावित किया, और Band of Maharaja (2024) 97वें अकादमी अवॉर्ड्स की दो श्रेणियों में आगे बढ़कर भारतीय सिनेमा काप्रतिनिधित्व करती दिखी।
इस वर्ष आयोजित IFFI 2025, जो 20 से 28 नवंबर तक चलेगा, में 81 देशों की 240 से अधिक फिल्मों की स्क्रीनिंग होगी। इनमें 13 वर्ल्डप्रीमियर, 4 इंटरनेशनल प्रीमियर और 46 एशियाई प्रीमियर शामिल हैं, जो इसे और भी भव्य बनाते हैं। आयोजकों के अनुसार, इस साल उन्हें रिकॉर्ड2,314 फिल्म सबमिशन 127 देशों से मिली हैं, जो IFFI की लगातार बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा को दर्शाता है।
महोत्सव का समापन भारतीय सिनेमा के महानायक रजनीकांत के शानदार 50 साल के फिल्मी सफर का जश्न मनाने वाले विशेष समारोह के साथहोगा। ऐसे में, ‘महामंत्र – द ग्रेट चैंट’ का प्रीमियर IFFI 2025 को न केवल सांस्कृतिक रूप से समृद्ध करता है बल्कि आध्यात्मिक और सिनेमाईसंवेदनाओं की नई दिशा भी देता है।
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