अमरनाथ यात्रा, जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास का प्रतीक होती है, आज यानी 30 जुलाई 2025 को एक बार फिर स्थगित कर दी गई है। प्रशासन द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि कश्मीर में हो रही लगातार भारी बारिश के कारण यात्रा को रोकना पड़ा है। दोनों प्रमुख मार्गों – बालटाल और पहलगाम – से आज किसी भी श्रद्धालु को आगे नहीं बढ़ने दिया गया।
क्या कहा प्रशासन ने?
कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर विजय कुमार बिधूड़ी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि "आज सुबह से ही बालटाल और पहलगाम रूट पर भारी बारिश हो रही है, जिससे रास्तों की हालत खतरनाक हो गई है। ऐसे में श्रद्धालुओं की जान जोखिम में डालना उचित नहीं है।" उन्होंने कहा कि खराब मौसम के कारण रास्तों में भूस्खलन और फिसलन की आशंका बनी हुई है, और इसलिए यात्रा को 30 जुलाई के लिए पूरी तरह स्थगित कर दिया गया है।
श्रद्धालुओं को कहां रोका गया?
अधिकारियों ने बताया कि जो श्रद्धालु पहले ही शिविरों से रवाना हो चुके थे या लौट रहे थे, उन्हें जहां हैं, वहीं रुकने के निर्देश दिए गए हैं। दोनों रूटों के बेसे कैंप पर सुरक्षा और आपदा प्रबंधन बलों को भी अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। बालटाल और पहलगाम शिविरों में भोजन, चिकित्सा और रुकने की सुविधा मुहैया कराई जा रही है।
बारिश बनी रुकावट
कश्मीर घाटी में पिछले कुछ दिनों से मौसम का मिजाज लगातार बिगड़ा हुआ है। मौसम विभाग ने पहले ही 28 से 31 जुलाई के बीच भारी बारिश की चेतावनी दी थी। घाटी में कई स्थानों पर भूस्खलन और सड़कें बंद होने की खबरें भी आई हैं। अमरनाथ यात्रा का रूट ऊंचाई और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों से होकर गुजरता है, जहां बारिश के कारण यात्रा और भी ज्यादा जोखिम भरी हो जाती है।
इससे पहले भी हो चुकी है यात्रा स्थगित
यह पहली बार नहीं है जब इस वर्ष अमरनाथ यात्रा को रोका गया है। इस सीजन में अब तक करीब 5 बार यात्रा को मौसम या सुरक्षा कारणों से रोकना पड़ा है। हालांकि प्रशासन की तत्परता और सुरक्षा बलों की तैनाती की वजह से कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ है, लेकिन इससे श्रद्धालुओं को लगातार निराशा का सामना करना पड़ रहा है।
श्रद्धालुओं की उम्मीदें अभी भी कायम
बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ है। बालटाल और पहलगाम में मौजूद श्रद्धालुओं ने कहा कि वे जब तक अनुमति नहीं मिलती, शिविर में रुकने को तैयार हैं। कई श्रद्धालुओं ने कहा कि “यह हमारे लिए आस्था की बात है। यदि भगवान शिव की कृपा होगी, तो हम जरूर दर्शन करेंगे।”
कब से शुरू हो सकती है यात्रा?
मौसम विभाग के अनुसार अगले 48 घंटे तक मौसम में सुधार की कोई खास उम्मीद नहीं है। ऐसे में यात्रा दोबारा कब शुरू होगी, इस पर निर्णय मौसम के हालात और प्रशासन की समीक्षा बैठक के बाद लिया जाएगा।
निष्कर्ष: अमरनाथ यात्रा श्रद्धा और संयम की परीक्षा होती है। आज 30 जुलाई को बारिश के कारण इसका स्थगन एक सावधानीपूर्ण फैसला है, जो श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जरूरी था। प्रशासन लगातार हालात की निगरानी कर रहा है और जैसे ही मौसम अनुकूल होगा, यात्रा को फिर से शुरू किया जाएगा। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और धैर्य बनाए रखें।