उत्तर प्रदेश की सियासत में हाल ही में एक बड़ा राजनीतिक भूचाल मचा है। योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री और अपना दल (सोनेलाल) के नेता आशीष पटेल ने सार्वजनिक मंच से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) पर तीखा हमला बोल दिया है। लखनऊ में अपने दल के संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में आशीष ने आरोप लगाया कि NDA के भीतर उनके खिलाफ साजिश की जा रही है और वे इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उनकी पत्नी और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी उनके इस बयान का पूरा समर्थन करते हुए साजिशकर्ताओं को सख्त चेतावनी दी है। इस घटनाक्रम ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में गठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़े कर दिए हैं और विपक्ष को भी एक बड़ा राजनीतिक हथियार दिया है।
खुला विरोध और नाराजगी का इजहार
आशीष पटेल ने सार्वजनिक मंच से कहा कि अपना दल (सोनेलाल) ने 2014 से NDA गठबंधन के साथ पूरी ईमानदारी और निष्ठा से काम किया है। लेकिन बदले में उनकी पार्टी को लगातार साजिशों और अन्याय का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर क्यों केवल उनका दल निशाने पर है जबकि गठबंधन के अन्य सहयोगी दलों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाता। आशीष ने कहा, "अगर गठबंधन के बड़े सहयोगी सम्मानपूर्वक व्यवहार नहीं करेंगे और पीठ में छुरा घोंपने की कोशिश करेंगे तो हम इसका जवाब देने में पीछे नहीं हटेंगे।" उन्होंने यह साफ चेतावनी भी दी कि साजिशें जारी रहीं तो इसके लिए जिम्मेदारी गठबंधन के भीतर के उन लोगों की होगी।
इस बयान से न केवल गठबंधन के भीतर बढ़ते तनाव का पता चलता है, बल्कि आगामी 2027 के विधानसभा चुनावों के पहले यूपी में गठबंधन की एकजुटता पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
पार्टी को खत्म करने की कोशिश
आशीष पटेल ने आरोप लगाया कि कुछ ताकतें अपना दल को खत्म करने के लिए भारी संसाधनों का उपयोग कर रही हैं। उन्होंने दावा किया कि पार्टी को कमजोर करने के लिए लगभग 1700 करोड़ रुपये की ताकत लगाई गई है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि झूठे मुकदमों में फंसाने की भी साजिश रची जा रही है, लेकिन वे इस सब से डरने वाले नहीं हैं और हर साजिश का जबरदस्त जवाब देंगे।
उन्होंने बताया कि उन्होंने बहुजन महापुरुषों के नाम पर चार इंजीनियरिंग कॉलेजों की स्थापना की है, जिसके बाद से ही उनकी पार्टी को परेशान किया जा रहा है। आशीष ने यह भी स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश की सरकार वंचित वर्गों के समर्थन के बिना नहीं चल सकती, और जो भी उनकी आवाज को दबाने की कोशिश करेगा, उसका राजनीतिक अंत निश्चित है।
अनुप्रिया पटेल का कड़ा समर्थन
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री और रसायन व उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी अपने पति आशीष पटेल के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अपना दल (सोनेलाल) अपने कार्यकर्ताओं के सम्मान पर कोई समझौता नहीं करेगी। अनुप्रिया ने साजिशकर्ताओं को चेतावनी दी कि यदि कोई अपना दल के कार्यकर्ताओं का अपमान करेगा या उनकी छवि को खराब करने की कोशिश करेगा तो उसे कड़ा मुंहतोड़ जवाब मिलेगा। उनके इस बयान से यह साफ हो गया है कि पार्टी अब अपने खिलाफ चल रही साजिशों का सामना करने के लिए पूरी तरह संगठित है।
राजनीतिक निहितार्थ और संभावित प्रभाव
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए में शामिल अपना दल (सोनेलाल) का यह खुला बगावत से गठबंधन में दरार की संभावना को हवा मिली है। यूपी के राजनीतिक समीकरण 2027 विधानसभा चुनाव से पहले इस मामले ने गठबंधन के भीतर तनाव को बढ़ा दिया है। अगर यह विवाद गहराया तो इसका नुकसान गठबंधन को ही होगा और विपक्ष को यह मुद्दा बड़ा राजनीतिक हथियार मिलेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के आंतरिक मतभेद पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी असंतुष्ट कर सकते हैं, जिससे आगामी चुनावों में गठबंधन की मजबूती कमजोर पड़ सकती है। वहीं, विपक्ष इस मुद्दे को सत्ताधारी दल की नाकामी और गठबंधन की कमजोरियों के रूप में जनता के सामने पेश कर सकता है।
वंचितों के समर्थन पर ज़ोर
आशीष पटेल के बयान से यह भी स्पष्ट होता है कि अपना दल (सोनेलाल) उत्तर प्रदेश के वंचित वर्गों के हितों का प्रतिनिधित्व करता है और उनकी आवाज बनना चाहता है। उन्होंने अपनी पार्टी की पहचान को मजबूत करने के लिए बहुजन महापुरुषों के नाम पर शिक्षा संस्थान खोले हैं, जो समाज के पिछड़े वर्गों के उत्थान का प्रतीक हैं। यह रणनीति दल को जातिगत राजनीति से अलग कर सामाजिक न्याय के मुद्दे पर केंद्रित करती है।