भारत की राजधानी दिल्ली में हुए भीषण आतंकी हमले और उसके चार दिन बाद श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए भयावह विस्फोट के तार अब सीधे तौर पर पाकिस्तान-स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और उसके सहयोगी संगठन पीपुल्स एंटी फासीस्ट फ्रंट (PAFF) से जुड़ते दिख रहे हैं। दिल्ली हमले का कनेक्शन जहां सीधे जैश-ए-मोहम्मद से मिला था, वहीं श्रीनगर धमाके की जिम्मेदारी जैश के प्रॉक्सी ग्रुप PAFF ने ली है, जो जम्मू-कश्मीर में सक्रिय है।
दो शहरों में आतंक: PAFF की भूमिका
दिल्ली आतंकी हमले में 13 लोगों की जान गई थी, जबकि 4 दिन बाद 14 नवंबर को श्रीनगर में हुए विस्फोट में 9 लोग मारे गए। इन दोनों घटनाओं का एक ही आतंकी नेटवर्क से जुड़ना देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती है। PAFF खुद को 'फासीवाद विरोधी' बताने वाला पाकिस्तानी आतंकियों का एक समूह है, लेकिन वास्तव में यह जैश-ए-मोहम्मद की प्रॉक्सी विंग के रूप में काम करता है। इसका मुख्य उद्देश्य जैश के इशारे पर जम्मू-कश्मीर में हिंसा और अलगाववाद को बढ़ावा देना और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना है। PAFF भारतीय सुरक्षा बलों, सरकारी अधिकारियों और नागरिकों पर हमले करके घाटी में अशांति फैलाता है।
भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित संगठन
PAFF की विध्वंसक गतिविधियों को देखते हुए, भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 7 जनवरी 2023 को इस समूह को अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट (UAPA) के तहत एक आतंकी संगठन घोषित किया हुआ है। यह समूह न केवल सीधे आतंकी हमलों को अंजाम देता है, बल्कि युवाओं को बरगलाने और कट्टरपंथी बनाने के लिए भी सक्रिय है। यह सोशल मीडिया पर प्रचार करके युवाओं को कट्टरपंथी बनाता है और आतंकी गतिविधियों के लिए हथियारों की तस्करी में भी लिप्त है।
ISI, लश्कर और TRF से कनेक्शन
PAFF की गतिविधियां दिखाती हैं कि यह एक स्थानीय समूह से कहीं अधिक है। इसे इंटेलिजेंस एजेंसी ISI से समर्थन प्राप्त है, और इसके संबंध लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हाल ही में सक्रिय हुए द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) जैसे अन्य कुख्यात आतंकी संगठनों से भी हैं।
इस समूह को साल 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जैश-ए-मोहम्मद द्वारा अपने सहयोगी के तौर पर सक्रिय किया गया था। PAFF विशेष रूप से बॉडी कैमरों का इस्तेमाल करके अपने हमलों को अंजाम देने के लिए जाना जाता है, जिसका उद्देश्य डर फैलाना और प्रोपेगेंडा करना है।
इसने अतीत में कई बड़े हमलों को अंजाम दिया है, जिनमें साल 2023 में जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सेना के काफिले पर हमला (जिसमें 4 सैनिक शहीद हुए थे) और भट्टा धुरियां में आर्मी ट्रक पर हमला (जिसमें 5 सैनिक शहीद हुए थे) शामिल हैं। नौगाम पुलिस स्टेशन ब्लास्ट की जिम्मेदारी लेकर PAFF ने एक बार फिर भारत के खिलाफ अपनी मंशा जाहिर कर दी है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों को इन दोनों बड़े हमलों की संयुक्त जांच के लिए मजबूर कर दिया है।