उत्तर प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को अभेद्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तकनीक और कड़े प्रशासन के संगम का एक नया रोडमैप तैयार किया है। 'पुलिस मंथन-2025' सम्मेलन के समापन पर सीएम योगी का संबोधन स्पष्ट संकेत देता है कि प्रदेश में अब अपराधियों और असामाजिक तत्वों के खिलाफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का एक नया मोर्चा खुलने जा रहा है।
यूपी में अपराधियों पर AI की नज़र: सीएम योगी का 'जीरो टॉलरेंस' मिशन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कर दिया है कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग और विदेशी फंडिंग के जरिए देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने वालों के दिन अब गिनती के रह गए हैं। उन्होंने पुलिस बल को 'हाई-टेक पुलिसिंग' के युग में कदम रखने का निर्देश दिया है।
1. सोशल मीडिया और दुष्प्रचार पर डिजिटल प्रहार
सोशल मीडिया अब केवल सूचना का माध्यम नहीं, बल्कि अराजकता फैलाने का हथियार भी बनता जा रहा है। सीएम ने इस पर चिंता जताते हुए कहा:
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फेक अकाउंट्स की पहचान: एआई का उपयोग उन संगठित नेटवर्क और फेक आईडी को खोजने के लिए किया जाएगा जो धार्मिक या जातीय तनाव पैदा करने वाले कंटेंट फैलाते हैं।
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त्वरित कार्रवाई: किसी भी आपत्तिजनक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देने के बजाय, पुलिस को 'प्रोएक्टिव' होकर ऐसी गतिविधियों को रोकने और कठोरतम कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
2. विदेशी फंडिंग और धर्मांतरण नेटवर्क का खात्मा
मुख्यमंत्री ने धर्मांतरण के पीछे सक्रिय संगठित गिरोहों और उनके विदेशी कनेक्शन पर प्रहार करने को कहा है।
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नेटवर्क का ध्वस्तीकरण: विदेशी फंड से प्रायोजित धर्मांतरण के नेटवर्क को ट्रैक करने के लिए इंटेलिजेंस तंत्र को तकनीकी रूप से सुदृढ़ किया जाएगा।
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अवैध गतिविधियों पर रोक: पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल की सीमाओं से होने वाली नशीले पदार्थों की तस्करी और आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए सीमा सुरक्षा को एआई और उन्नत सेंसर से लैस किया जाएगा।
3. 'जीरो टॉलरेंस' और सामाजिक सौहार्द
मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि किसी भी प्रकार का राजनीतिक या जातीय दबाव कार्रवाई के आड़े नहीं आना चाहिए।
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अराजक संगठनों पर नज़र: महापुरुषों के नाम का दुरुपयोग कर नए संगठन बनाकर अराजकता फैलाने वाले तत्वों की गहन जांच होगी।
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गो-तस्करी पर लगाम: संगठित गो-तस्करी को जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस को स्थानीय स्तर पर इंटेलिजेंस को और मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं।
4. तकनीकी सशक्तिकरण: पुलिसिंग का नया स्वरूप
सीएम योगी के निर्देशों के बाद अब यूपी पुलिस केवल थानों तक सीमित नहीं रहेगी।
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AI और साइबर सुरक्षा: साइबर अपराधों और आतंकी नेटवर्क के डिजिटल फुटप्रिंट्स को खोजने के लिए एआई एल्गोरिदम का उपयोग होगा।
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खुफिया तंत्र की मजबूती: इंटेलिजेंस विंग को अब डेटा एनालिटिक्स और फेस रिकग्निशन जैसी तकनीकों के साथ एकीकृत किया जा रहा है, ताकि संदिग्धों की पहचान त्वरित हो सके।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विजन स्पष्ट है—एक ऐसा प्रदेश जहाँ विकास के लिए कानून का राज सर्वोपरि हो। एआई का उपयोग पुलिस को न केवल अपराधियों से एक कदम आगे रखेगा, बल्कि सोशल मीडिया जैसे जटिल माध्यमों पर भी नियंत्रण सुनिश्चित करेगा। 2026 की ओर बढ़ते उत्तर प्रदेश के लिए 'यक्ष' ऐप और एआई-संचालित पुलिसिंग कानून-व्यवस्था का नया 'कवच' साबित होगी।