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'नेहरू ने जानबूझकर मां दुर्गा के श्लोक हटाये', वंदे मातरम को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर साधा निशाना

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Posted On:Friday, November 7, 2025

राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम्' की रचना के 150 साल पूरे होने के मौके पर देश में एक बार फिर सियासी पारा चढ़ गया है। जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में भव्य समारोह में हिस्सा लेकर राष्ट्रीय गीत के महत्व पर प्रकाश डाला, वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस अवसर का उपयोग कांग्रेस पार्टी पर हमला करने के लिए किया है। बीजेपी प्रवक्ता सी.आर. केसवन ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस पार्टी पर राष्ट्रीय गीत के मूल बोलों में बदलाव करके 'सांप्रदायिक एजेंडे' को बढ़ावा देने का गंभीर आरोप लगाया है।
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कांग्रेस पर 'देवी दुर्गा' के संदर्भ हटाने का आरोप

बीजेपी प्रवक्ता सी.आर. केसवन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक विस्तृत पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने नेहरू की आलोचना की और सितंबर व अक्टूबर 1937 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को लिखे नेहरू के पत्रों का हवाला दिया। केसवन ने अपने पोस्ट में आरोप लगाया, "हमारी युवा पीढ़ी के लिए यह जानना जरूरी है कि कैसे नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस पार्टी ने अपने सांप्रदायिक एजेंडे को बेशर्मी से आगे बढ़ाते हुए, 1937 के फैजपुर अधिवेशन में पार्टी के राष्ट्रगीत के रूप में केवल एक संक्षिप्त वंदे मातरम् को अपनाया।"

उन्होंने आगे दावा किया कि नेहरू के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने धार्मिक आधार पर जानबूझकर वंदे मातरम् के उन छंदों को हटा दिया जिनमें देवी मां दुर्गा का गुणगान किया गया था। केसवन ने कांग्रेस पर "इस गीत को धर्म से जोड़ने का ऐतिहासिक पाप और भूल" करने का आरोप लगाया।

नेहरू के पत्रों का हवाला देते हुए हमला

बीजेपी नेता ने एक्स पोस्ट में साझा किए गए पत्रों का हवाला दिया, जिसके अनुसार: 1 सितंबर 1937 का पत्र: नेहरू ने कथित तौर पर लिखा था कि वंदे मातरम् के शब्दों को देवी से संबंधित मानना बेतुका है और उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि यह राष्ट्रीय गीत के रूप में उपयुक्त नहीं है। नेहरू ने नेताजी बोस को पत्र लिखकर दावा किया कि वंदे मातरम् की पृष्ठभूमि मुसलमानों को नाराज कर सकती है और सांप्रदायिक प्रवृत्ति वाले लोग इससे प्रभावित हुए हैं। केसवन ने जोर दिया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने हमेशा वंदे मातरम् के पूर्ण मूल संस्करण की पुरजोर वकालत की थी।

राहुल गांधी को भी घेरा

सी.आर. केसवन ने इस विवाद को वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व से भी जोड़ते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि 1937 में नेहरू ने जो 'हिंदू विरोधी मानसिकता' दिखाई थी, उसकी तीखी प्रतिध्वनि राहुल गांधी में मिलती है। केसवन ने राहुल गांधी के मार्च 2024 के बयान का जिक्र किया, जहां उन्होंने कथित तौर पर कहा था: "हिंदू धर्म में शक्ति नाम का एक शब्द है और हम शक्ति के खिलाफ लड़ रहे हैं।" इसके अलावा, बीजेपी प्रवक्ता ने राहुल गांधी पर हाल ही में पवित्र छठ पूजा को एक नाटक बताकर अपमानित करने का भी आरोप लगाया, जिससे करोड़ों श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुईं। बीजेपी के इन तीखे आरोपों के बाद, अब कांग्रेस पार्टी की प्रतिक्रिया का इंतजार है, जिससे 'वंदे मातरम्' को लेकर देश में चल रही राजनीतिक बहस और तेज हो सकती है।


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