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PAK सेना ने भरा पेट, पैसे भी मिले… गिरफ्त में आई शहनाज अख्तर पाकिस्तान को करेगी बेनकाब

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Posted On:Friday, December 19, 2025

जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिले पुंछ में नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारतीय सेना की सतर्कता ने सीमा पार से घुसपैठ की एक नई और संवेदनशील साजिश को नाकाम किया है। सेना ने एक पाकिस्तानी महिला को उस समय हिरासत में लिया, जब वह संदिग्ध परिस्थितियों में भारतीय सीमा में दाखिल होने की कोशिश कर रही थी। इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं, क्योंकि इसके तार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के महिला विंग से जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है।

घटनाक्रम और गिरफ्तारी

सेना के सूत्रों के अनुसार, यह घुसपैठ मंगलवार दोपहर करीब 3:00 बजे पुंछ सेक्टर में हुई। नियंत्रण रेखा पर तैनात भारतीय सेना के आधुनिक निगरानी उपकरणों (Surveillance Devices) ने बाड़ के पास एक महिला की संदिग्ध हलचल को पकड़ा। जैसे ही उसने सीमा पार कर भारतीय क्षेत्र में कदम रखा, सतर्क जवानों ने उसे चारों तरफ से घेरकर हिरासत में ले लिया।

कौन है शहनाज अख्तर?

पूछताछ के दौरान महिला की पहचान शहनाज अख्तर (उम्र लगभग 35 वर्ष) के रूप में हुई है। वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के कोटली जिले के गिम्मा गांव की रहने वाली है। शहनाज की गिरफ्तारी के बाद जो खुलासे हुए हैं, वे काफी चौंकाने वाले हैं।

पाकिस्तानी सेना और 'ज़ेहन' का कनेक्शन

प्रारंभिक जांच में शहनाज ने जो बयान दिए हैं, वे सीमा पार से मिल रहे सरकारी और आतंकी समर्थन की ओर इशारा करते हैं:

  • पाक सेना की मदद: शहनाज ने स्वीकार किया कि घुसपैठ करने से ठीक पहले वह PoJK में पाकिस्तानी सेना की एक पोस्ट पर रुकी थी, जहाँ पाकिस्तानी जवानों ने उसे नाश्ता कराया।

  • वित्तीय सहायता: जांच में 'ज़ेहन' नाम के एक व्यक्ति का जिक्र आया है, जिसने भारत में प्रवेश करने से पहले शहनाज को 1,000 रुपये दिए थे। सुरक्षा एजेंसियां अब इस रहस्यमयी 'ज़ेहन' की तलाश कर रही हैं, जो संभवतः उसका हैंडलर हो सकता है।

जैश-ए-मोहम्मद का 'महिला विंग' रडार पर

सुरक्षा एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय जैश-ए-मोहम्मद का महिला संगठन 'जमात-उल-मोमिनात' है। खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक, जैश ने हाल ही में अपने इस विंग में करीब 5,000 महिलाओं की भर्ती की है।

आशंका और चुनौतियां:

  1. लॉजिस्टिक सपोर्ट: महिला आतंकियों का इस्तेमाल अक्सर हथियारों की तस्करी या सुरक्षित ठिकानों (Safe Houses) के इंतजाम के लिए किया जाता है ताकि सुरक्षा बलों की नजरों से बचा जा सके।

  2. नई रणनीति: पुरुष आतंकियों की घुसपैठ पर भारतीय सेना की सख्ती के बाद, अब पाक समर्थित आतंकी संगठन महिलाओं को 'कूरियर' या 'गाइड' के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं।

सुरक्षा एजेंसियों का अलर्ट

फिलहाल शहनाज अख्तर को पुलिस और खुफिया एजेंसियों की संयुक्त पूछताछ टीम (JIC) के हवाले कर दिया गया है। एजेंसियां उसके मोबाइल डेटा और यात्रा के वास्तविक उद्देश्य को खंगाल रही हैं। पुंछ और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है। यह गिरफ्तारी साबित करती है कि सर्दियों के मौसम में जब बर्फबारी के कारण रास्ते कठिन हो जाते हैं, तब भी सीमा पार से आतंकी नए-नए तरीकों से घुसपैठ की फिराक में रहते हैं।


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