मुंबई, 13 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। मणिपुर सरकार ने शुक्रवार को पांच जिलों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विस पर लगे बैन को हटा दिया। हालांकि मोबाइल इंटरनेट पर लगा प्रतिबंध 15 सितंबर तक जारी रहेगा। मणिपुर में अचानक बढ़ी हिंसक घटनाओं के बाद राज्य सरकार ने 10 सितंबर को 5 दिन के लिए इंटरनेट पर बैन लगाया था। सितंबर महीने की शुरुआत में कुकी उग्रवादियों ने मैतेई इलाकों में ड्रोन और रॉकेट से हमला किया था। इसमें 2 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 10 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसके बाद राजधानी इंफाल में मैतेई समुह के छात्रों ने प्रदर्शन किया था। छात्रों ने राजभवन पर पत्थरबाजी की थी। पुलिस ने भी आंसू गैस के गोले छोड़े थे। उन्होंने सेंट्रल फोर्सेस पर चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए उनसे राज्य छोड़कर जाने की मांग की। साथ ही राज्य में यूनिफाइड कमांड की कमान मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को दी जाए। यानी, सेंट्रल और स्टेट फोर्स की कमान केंद्र की बजाय मुख्यमंत्री के पास हो। ये लोग DGP और सिक्योरिटी एडवाइजर को हटाने की भी मांग कर रहे हैं।
आपको बता दें, एक सितंबर को राज्य में पहली बार ड्रोन हमला देखने को मिला। इम्फाल वेस्ट जिले के कोत्रुक गांव में उग्रवादियों ने पहाड़ी के ऊपरी इलाके से कोत्रुक और कडांगबांड घाटी के निचले इलाकों में फायरिंग की और ड्रोन से हमला किया। इसमें 2 लोगों की मौत और 9 घायल हुए। जिसके बाद, इम्फाल जिले के सेजम चिरांग गांव में उग्रवादियों ने ड्रोन अटैक किए। इसमें एक महिला समेत 3 लोग घायल हो गए। उग्रवादियों ने रिहायशी इलाके में ड्रोन से 3 विस्फोटक गिराए, जो छत को तोड़ते हुए घरों के अंदर फटे। उग्रवादियों ने पहाड़ी की चोटी से गोलीबारी भी की। फिर, मणिपुर बिष्णुपुर जिला स्थित मोइरांग में पूर्व मुख्यमंत्री मैरेम्बम कोइरेंग के घर पर हमला हुआ था। कुकी उग्रवादियों ने रॉकेट बम फेंका। इस हमले में 1 बुजुर्ग की मौत हो गई, जबकि 5 लोग घायल हो गए। मैरेम्बम कोइरेंग राज्य के पहले मुख्यमंत्री थे। उसके बाद 7 सितम्बर को पहली घटना जिला हेडक्वार्टर से करीब 7 KM दूर हुई। यहां संदिग्ध पहाड़ी उग्रवादियों ने एक घर में घुसकर बुजुर्ग को सोते समय गोली मार दी। वे घर में अकेले रहते थे। दूसरी घटना में कुकी और मैतेई लोगों के बीच गोलीबारी हुई। इसमें 4 लोगों की मौत हुई।