मुंबई, 12 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का 72 साल की उम्र में निधन हो गया। निमोनिया की शिकायत होने के बाद उन्हें 19 अगस्त को AIIMS दिल्ली में भर्ती कराया गया था। 25 दिन से उनका इलाज चल रहा था। परिवार ने अस्पताल को CPI(M) नेता की बॉडी डोनेट की है। वे तीन बार पार्टी के महासचिव रहे थे। वहीं, CPI(M) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि ‘कॉमरेड सीताराम येचुरी को सांस की नली में गंभीर संक्रमण हुआ था। डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही थी। येचुरी ने AIIMS में भर्ती रहते हुए 22 अगस्त को पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। उन्होंने 6 मिनट 15 सेकेंड के वीडियो संदेश में कहा था, 'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे AIIMS से ही बुद्धो दा के प्रति भावनाएं प्रकट करना और लाल सलाम कहना पड़ रहा है। येचुरी ने 23 अगस्त को सोशल मीडिया एक्स पर जम्मू-कश्मीर में सीपीएम, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच चुनावी गठबंधन को लेकर पोस्ट किया था। 29 अगस्त को उन्होंने X पर अब्दुल गफूर नूरानी के निधन पर शोक संदेश पोस्ट किया था।
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सीताराम येचुरी मेरे अच्छे दोस्त थे। वे भारत के विचार के सच्चे रक्षक थे और देश को अच्छी तरह समझते थे। मैं उनके साथ की गई लंबी चर्चाओं को बहुत याद करूंगा। इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। साथ ही, CM ममता बनर्जी ने कहा कि येचुरी के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। वे एक अनुभवी सांसद थे और उनका जाना राष्ट्रीय राजनीति के लिए बड़ी क्षति है। वही, आंध्र प्रदेश के CM चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि येचुरी जी के निधन पर गहरा दुख हुआ। वह भारतीय राजनीति के एक दिग्गज नेता थे। वह मुद्दों की बारीक समझ रखने वाले और जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ाव के लिए जाने जाते थे। उनकी आत्मा को शांति मिले।
आपको बता दें, सीताराम येचुरी ने 10वीं कक्षा तक ऑल सेंट्स हाई स्कूल में पढ़ाई की। वे 1969 के तेलंगाना आंदोलन के दौरान दिल्ली पहुंचे। येचुरी ने दिल्ली में प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल में एडमिशन लिया और CBSE हायर सेकेंडरी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक-1 हासिल की। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में फर्स्ट रैंक से बीए (ऑनर्स) किया। फिर जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से इकोनॉमिक्स में एमए किया। उन्होंने पीएचडी के लिए जेएनयू में एडमिशन लिया था। हालांकि, 1975 में इमरजेंसी के दौरान गिरफ्तारी के कारण पूरा नहीं कर सके।