मुंबई, 05 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। देशभर के 302 मंत्री यानी लगभग 47% ने खुद पर आपराधिक मामले दर्ज होने की बात स्वीकार की है। इनमें से 174 मंत्री ऐसे हैं, जिन पर हत्या, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आरोप लगे हुए हैं। चुनाव सुधार संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार के 72 मंत्रियों में से 29 यानी 40% मंत्रियों ने भी अपने शपथ पत्रों में आपराधिक केस का उल्लेख किया है। ADR ने 27 राज्यों, 3 केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के कुल 643 मंत्रियों के शपथ पत्रों का विश्लेषण कर यह रिपोर्ट तैयार की। संस्था का कहना है कि जिन एफिडेविट के आधार पर आंकड़े जुटाए गए हैं, वे 2020 से 2025 के बीच दाखिल हुए थे, इसलिए इन मामलों की स्थिति समय के साथ बदल सकती है। हाल ही में केंद्र सरकार ने एक प्रस्ताव रखा था, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री अगर गंभीर आपराधिक मामलों में फंसते हैं और 30 दिन से ज्यादा जेल में रहते हैं तो उन्हें पद छोड़ना होगा। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि 11 राज्यों में 60% से ज्यादा मंत्री आपराधिक मामलों में आरोपी हैं। इनमें आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और पुडुचेरी शामिल हैं। दूसरी ओर हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, नागालैंड और उत्तराखंड ऐसे राज्य हैं, जहां किसी भी मंत्री पर आपराधिक केस दर्ज नहीं है।
ADR ने इन 643 मंत्रियों की संपत्ति का भी विश्लेषण किया, जिसके मुताबिक उनकी कुल संपत्ति 23,929 करोड़ रुपए है। औसतन हर मंत्री के पास 37.21 करोड़ रुपए की संपत्ति है। 30 विधानसभा क्षेत्रों में से 11 में अरबपति मंत्री पाए गए। सबसे ज्यादा 8 अरबपति मंत्री कर्नाटक में हैं, जबकि आंध्र प्रदेश में 6 और महाराष्ट्र में 4 अरबपति मंत्री हैं। केंद्र सरकार में 72 मंत्रियों में से 6 मंत्री अरबपति हैं। पार्टीवार विश्लेषण में सामने आया कि भाजपा के 14, कांग्रेस के 11 और टीडीपी के 6 मंत्री अरबपति हैं। इसके अलावा आम आदमी पार्टी, जनसेना पार्टी, जेडीएस, एनसीपी और शिवसेना में भी अरबपति मंत्री मौजूद हैं। ADR ने कुछ समय पहले महिला सांसदों और विधायकों को लेकर भी रिपोर्ट जारी की थी। इसमें खुलासा हुआ था कि देश की कुल 512 महिला सांसदों और विधायकों में से 143 यानी 28% पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 78 महिलाओं पर हत्या और अपहरण जैसे गंभीर आरोप हैं। वहीं 17 महिला नेताओं ने अपने शपथ पत्रों में 100 करोड़ या उससे अधिक संपत्ति का जिक्र किया है।