मुंबई, 20 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में राजीव गांधी पर आधारित प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर मीडिया से बात करते हुए पायलट ने कहा कि यह समय सिर्फ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के बयान देने का नहीं है, बल्कि देश के शीर्ष नेतृत्व को सामने आकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। सचिन पायलट ने कहा कि शशि थरूर के नेतृत्व में सांसदों का प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान में पल रहे आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ठोस सबूतों के साथ आवाज़ उठाएगा। उन्होंने बताया कि यह प्रतिनिधिमंडल विश्व समुदाय को बताएगा कि पाकिस्तान ने भारत पर किस तरह आतंकवाद के ज़रिए हमले किए हैं, जिसमें मुंबई हमला, पुलवामा और हालिया पहलगाम की घटनाएं भी शामिल हैं।
पायलट ने कहा कि अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ भारत और पाकिस्तान के संबंधों पर चर्चा होती रही है, आतंकवाद को लेकर स्पष्टता नहीं आई। लेकिन इस बार यह मुद्दा भी सामने लाया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से यह भी मांग की कि वह यह स्पष्ट करे कि युद्धविराम (सीजफायर) किन शर्तों और भरोसे के आधार पर स्वीकार किया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब भारत जैसी पेशेवर सेना वाले देश में युद्धविराम की घोषणा किसी तीसरे देश के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, तो वह असामान्य है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सीजफायर की घोषणा के बावजूद बार-बार सीमा पर गोलीबारी कर निर्दोष लोगों की जान लेता रहा है। ऐसे देश पर भरोसा कैसे किया जा सकता है? उन्होंने चिंता जताई कि IMF द्वारा पाकिस्तान को बड़ा कर्ज दिया गया है और अमेरिका जैसे देश व्यापार बढ़ाने की बात कर रहे हैं। ऐसे में यह कैसे सुनिश्चित होगा कि पाकिस्तान उस धन का उपयोग फिर से आतंकवाद को बढ़ावा देने में नहीं करेगा?
पायलट ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान की तुलना करना पूरी तरह अनुचित है। उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान से कई गुना आगे है, लेकिन पाकिस्तान में स्थिति इतनी खराब है कि वहां की सरकार खुद सेना और खुफिया एजेंसी के नियंत्रण में है। उन्होंने पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि पर सवाल उठाते हुए कहा कि वहां लोकतंत्र के नाम पर मज़ाक हो रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार से यह स्पष्ट मांग की कि सीजफायर जैसे अहम मुद्दे पर सिर्फ प्रवक्ताओं के माध्यम से बयान न आएं, बल्कि प्रधानमंत्री और शीर्ष नेतृत्व को सामने आकर बताना चाहिए कि क्या कोई दबाव या लोभ इस फैसले के पीछे है। पायलट ने कहा कि पूरा देश सरकार के साथ खड़ा है, लेकिन पारदर्शिता जरूरी है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 22 अप्रैल को जब पहलगाम की घटना घटी थी, तब सबसे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार को समर्थन दिया था, और यह समर्थन अब भी कायम है। पायलट ने कहा कि आतंकवाद के खात्मे के लिए कांग्रेस पूरी तरह सरकार के साथ है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद ने देश को लंबे समय से परेशान किया है, चाहे वह कश्मीर हो या पंजाब। अब वक्त आ गया है कि इस पर निर्णायक कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा के मामले में विधानसभा अध्यक्ष से निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता बिना ठोस कारण के समाप्त कर दी गई थी, जबकि यहां अदालत का स्पष्ट आदेश होने के बावजूद स्पीकर चुप हैं, जो गलत है।