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जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के प्रस्ताव को उपराज्यपाल ने दी मंजूरी, जानिए पूरा मामला

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Posted On:Saturday, October 19, 2024

मुंबई, 19 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के प्रस्ताव को उपराज्यपाल ने मंजूरी दे दी। गुरुवार को राज्य के दर्जे की बहाली के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की कैबिनेट ने प्रस्ताव पास किया था। डिप्टी सीएम सुरिंदर कुमार चौधरी ने कहा, 'केंद्र को अपना वादा पूरा करना चाहिए और राज्य का दर्जा बहाल करना चाहिए, यह हमारा अधिकार है। हम वही मांग रहे हैं जो उन्होंने पहले ही वादा किया था।'इस मांग को लेकर उमर अब्दुल्ला 2 दिन में दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे।

आपको बता दें, प्रस्ताव को उपराज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। आगे का निर्णय केंद्र सरकार को करना है। पूर्ण राज्य के दर्जे के लिए केंद्र सरकार ही जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में बदलाव की प्रक्रिया कर सकती है। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुर्नगठित किया गया था। इसलिए पूर्ण राज्य के दर्जे के लिए संसद में एक कानून पारित कर पुनर्गठन अधिनियम में बदलाव करना होगा। यह बदलाव संविधान की धारा 3 और 4 के तहत होंगे। राज्य का दर्जा देने के लिए लोकसभा और राज्यसभा में नए कानूनी बदलावों का अनुमोदन जरूरी होगा, यानी संसद से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलना जरूरी है। मंजूरी के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनकी मंजूरी के बाद जिस दिन राष्ट्रपति इस कानूनी बदलाव की अधिसूचना जारी करेंगे, उसी तारीख से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाएगा।

दरअसल, केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के साथ ही प्रदेश का पूर्ण राज्य का दर्जा खत्म करते हुए उसे दो यूनियन टेरिटरी (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था। उमर ने विधानसभा चुनाव के दौरान भी कहा था कि कैबिनेट की पहली मीटिंग में ही जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के प्रस्ताव को मंजूर किया जाएगा। 16 अक्टूबर को CM पद की शपथ लेने के बाद अगले दिन ही उन्होंने प्रस्ताव पास किया। कैबिनेट की मीटिंग में डिप्टी CM सुरिंदर चौधरी, मंत्री सकीना मसूद इटू, जावेद अहमद राणा, जाविद अहमद डार और सतीश शर्मा भी मौजूद थे।

वहीं, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने उमर कैबिनेट के फैसले को लेकर कहा कि यह हमारे लिए बड़ा झटका है। उमर सरकार ने स्टेटहुड बहाली का प्रस्ताव क्यों पारित किया। 370 की बहाली पर भी फैसला करना चाहिए था। PDP के विधायक वहीद पर्रा ने शुक्रवार को कहा- उमर अब्दुल्ला का राज्य के दर्जे पर प्रस्ताव पारित करना 5 अगस्त, 2019 के केंद्र के फैसले का समर्थन करने से कम नहीं है। उमर ने 370 को बहाल करने के वादे पर ही वोट मांगे थे।


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