फिरोजाबाद:- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश के अंतर्गत जिला विज्ञान क्लब, फिरोजाबाद द्वारा भारतीय वैज्ञानिक सी.वी.रमन की जन्मजयंती के अवसर पर जिला विज्ञान क्लब के कार्यालय पर जिला समन्वयक अश्वनी कुमार जैन ने शत शत नमन करते हुए माल्यार्पण किया।
अश्वनी कुमार जैन ने विद्यार्थियों को देश के महान वैज्ञानिक सी.वी.रमन के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उनका जन्म 07 नवम्बर 1888 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में हुआ था। आपके पिताजी चंद्रशेखर अय्यर भौतिकी के प्राध्यापक एवं माताजी पार्वती अम्मल एक सुसंस्कृत परिवार की महिला थीं। उन्होंने शिक्षार्थी के रूप में कई महत्वपूर्ण कार्य किए। सन 1906 में उनका प्रकाश विवर्तन पर पहला शोध पत्र लंदन की फिलॉसॉफिकेल पत्रिका में आयताकृत छिद्र के कारण उत्पन्न असीमित विवर्तन पट्टियाँ शीर्षक पर प्रकाशित हुआ था। सन 1927 में उन्होंने एक्स किरणों के प्रकीर्णन पर अध्ययन किया। जिसके अध्ययन में उन्होंने श्रेष्ठ स्पेक्ट्रम चित्र तैयार करके उन्हें मापकर तथा गणित करके उनकी सैद्धांतिक व्याख्या की गई। उन्होंने प्रमाणित किया कि प्रत्येक स्पेक्ट्रम का अंतर पारद प्रकाश की तरंग लंबाइयों में परिवर्तित होने के कारण पड़ता है। रमन प्रभाव विश्व में भौतिकी के लिए एक अद्वितीय खोज है। इसी रमन प्रभाव की खोज के कारण चन्द्रशेखर वेंकट रमन की याद में भारत में प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। रमन प्रभाव के लिए उन्हें सन 1930 में नोबेल पुरस्कार दिया गया। इसके अतिरिक्त सन 1929 में उन्हें नाईट बैचलर, सन 1954 में भारत सरकार द्वारा भारत रत्न एवं सन 1957 में लेनिन शांति पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया। 21 नवम्बर 1970 को बैंगलोर में उनका निधन हो गया।