फिरोजाबाद। जिले में लभौआ स्टेट काफी समय पूर्व अपने आप में बड़ी रियासत जानी जाती थी। 1857 की क्रांति से पूर्व से कभी 180 गांव का साम्राज्य इस लभौआ स्टेट के अंतर्गत था। स्वतंत्रता काल के दौरान सभी रियासतों का विलय कर दिया गया, लेकिन इतिहास कभी मिटता नहीं है । राजा भगवंत सिंह, राजा लायक सिंह की परंपरा आगे चलाकर राजा अर्जुन सिंह इस लभौआ रियासत के कार्यभार को संभालते रहे। वर्तमान में स्वर्गीय राजा अर्जुन सिंह एवं उनकी बड़ी रानी स्वर्गीय देव कुंवरिबा के सुपुत्र राजकुमार देवेंद्र सिंह झाला के सुपौत्र करण सिंह झाला का विवाह गुजरात प्रांत से हुआ है, लेकिन राज परिवार अपनी पैतृक भूमि को कैसे भूल सकता था।
इस समय यह राज परिवार भी गुजरात के ही कारोबार कर रहा है। लेकिन यहां पर आकर लभौआ व लाटूमई मैं लोगों को इस खुशी में मिष्ठान वितरण कराया। साथ ही प्रसिद्ध भागवत कथाकार बालशुक शरद कृष्ण द्वारा श्री सुंदरकांड पाठ कराया गया।
इस अवसर पर राज परिवार के राजकुमार देवेंद्र सिंह झाला, उनके सुपौत्र करन सिंह झाला, राणा निर्मल सिंह एंव समग्र लभौआ ग्राम के प्रबुद्ध जन सुरेंद्र सिंह , मनोहर सिंह, हरि सिंह, शिकोहाबाद से चैधरी केहरी सिंह यादव, डॉ संजीव आहूजा, मैनपुरी के पंडित मयंक दुबे, हिमांशु शर्मा के अलावा बहुत से इष्ट मित्र बंधु बांधव भी इस कार्यक्रम में शिरकत किये।
आपको विदित होना चाहिए कि लभौआ स्टेट ऐतिहासिक भूमि है। आज भी किला, कोठी , राजा साहब की समाधि, बावड़ी, लाभेश्वर महादेव का मंदिर, राजकुमार देवेंद्र सिंह द्वारा निर्मित सती माता मंदिर, कोठी में विराजमान शक्ति माता मंदिर जैसे दर्शनीय स्थल विद्यमान है। इन्हीं खूबियों से युक्त है लभौआ स्टेट। जो हमारे समूचे क्षेत्र की पहचान है।