क्रिकेट जगत से चौंकाने वाली खबर सामने आई है। वेस्टइंडीज के धाकड़ बल्लेबाज़ और विकेटकीपर निकोलस पूरन ने महज 29 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। यह फैसला न केवल उनके फैंस बल्कि क्रिकेट विशेषज्ञों को भी हैरान कर गया है। आईपीएल 2025 में शानदार प्रदर्शन करने वाले पूरन का इस तरह खेल को अलविदा कहना कई सवाल खड़े कर रहा है।
आईपीएल में धूम, लेकिन इंटरनेशनल से दूरी
पूरन ने आईपीएल 2025 में लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए शानदार बल्लेबाज़ी की थी और कई मौकों पर टीम को जीत दिलाई थी। उन्हें टीम ने सीजन की शुरुआत से पहले ही 21 करोड़ रुपये में रिटेन किया था, जिसके बदले उन्होंने 14 मैच खेले। इस प्रदर्शन के बाद किसी को यह उम्मीद नहीं थी कि वे इतनी जल्दी इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह देंगे।
लेकिन अब यह साफ हो चुका है कि पूरन ने लीग क्रिकेट को प्राथमिकता देते हुए राष्ट्रीय टीम को छोड़ने का फैसला किया है। इसका सबसे बड़ा कारण उनकी इंटरनेशनल क्रिकेट से होने वाली कम कमाई मानी जा रही है।
इंटरनेशनल मैचों में बेहद कम फीस
निकोलस पूरन ने 9 साल के अपने इंटरनेशनल करियर में 61 वनडे और 104 टी20 मैच खेले। उन्होंने अपनी शानदार विकेटकीपिंग और आक्रामक बल्लेबाज़ी से खूब सुर्खियां बटोरीं।
लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड से एक वनडे मैच के लिए केवल 1,96,946 रुपये और टी20 के लिए 1,48,566 रुपये मिलते थे। इतनी कम रकम में लगातार यात्रा, फिटनेस मेंटेन करना और घरेलू ज़िम्मेदारियां निभाना खिलाड़ियों के लिए मुश्किल होता है।
इसके उलट, आईपीएल, ILT20, SA20 और CPL जैसी फ्रेंचाइजी लीग में उन्हें करोड़ों रुपये का भुगतान मिलता है। यही अंतर पूरन के संन्यास के फैसले का प्रमुख कारण माना जा रहा है।
लीग क्रिकेट बन रही खिलाड़ियों की पहली पसंद
निकोलस पूरन अकेले ऐसे खिलाड़ी नहीं हैं जिन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट को छोड़कर फ्रेंचाइजी लीग्स की ओर रुख किया है। इससे पहले क्रिस गेल, ड्वेन ब्रावो, कीरोन पोलार्ड जैसे कई वेस्टइंडीज के बड़े नाम यही रास्ता अपना चुके हैं।
इन खिलाड़ियों ने भी आईपीएल और अन्य लीग्स में ज्यादा फोकस किया और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से जल्दी दूरी बना ली। पूरन का नाम अब इसी लिस्ट में जुड़ गया है।
यह ट्रेंड वेस्टइंडीज क्रिकेट के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है, क्योंकि उनके सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी अब देश की बजाय निजी लीगों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के लिए बड़ा झटका
निकोलस पूरन का संन्यास वेस्टइंडीज टीम के लिए बड़ा झटका है। उन्होंने कई मैचों में टीम को कठिन परिस्थितियों से बाहर निकाला था। हाल ही में उन्होंने टी20 और वनडे फॉर्मेट में अपने बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया था और टीम की कमान भी संभाली थी।
पूरन के जाने के बाद वेस्टइंडीज को न केवल एक भरोसेमंद विकेटकीपर-बल्लेबाज़ खोना पड़ा है, बल्कि एक मजबूत नेतृत्वकर्ता की भी कमी हो गई है।
वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के सामने अब यह चुनौती है कि वे अपने खिलाड़ियों को इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए प्रोत्साहित कैसे करें और उन्हें वित्तीय रूप से स्थिर कैसे बनाएं, ताकि ऐसे टैलेंट को बनाए रखा जा सके।
पूरन का भविष्य और फोकस
निकोलस पूरन अब पूरी तरह से फ्रेंचाइजी क्रिकेट पर ध्यान देने वाले हैं। वे न केवल आईपीएल, बल्कि ILT20 (यूएई), SA20 (साउथ अफ्रीका) और CPL (कैरेबियन प्रीमियर लीग) में भी सक्रिय रूप से नजर आएंगे।
फ्रेंचाइजी क्रिकेट में उन्हें न केवल बेहतर वित्तीय सुरक्षा मिलती है, बल्कि वे अपने खेल का आनंद भी ले सकते हैं, बिना अंतरराष्ट्रीय व्यस्तताओं के दबाव के।