दक्षिण एशियाई देश बांग्लादेश में हाल ही में हुए राजनीतिक घटनाक्रमों और ढाका में सुरक्षा बलों की तैनाती के बाद तख्तापलट की अफवाहें जोर पकड़ रही हैं। हालांकि, प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस और आर्मी चीफ वकार उज जमान ने इन अटकलों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। माना जा रहा है कि जनरल वकार उज जमान इन घटनाओं के केंद्र में हैं, क्योंकि अंतरिम सरकार के नेता मोहम्मद यूनुस को लगातार विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
आर्मी चीफ की बैठक के बाद अटकलें तेज
ऐसा कहा जा रहा है कि सेना प्रमुख वकार उज जमान की अगुवाई में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का तख्तापलट किया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जनरल जमान ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ एक आपात बैठक की है। हालांकि, गृह सचिव नसीमुल हक गनी ने स्पष्ट किया कि यह केवल अफवाह है।
आर्मी चीफ ने की आपात बैठक
बांग्लादेशी सेना की बैठकों की खबरों ने इन अफवाहों को और बल दिया है।
-
जनरल जमान ने सुरक्षा सतर्कता बढ़ाने का आदेश दिया।
-
बैठक में 5 लेफ्टिनेंट जनरल, 8 मेजर जनरल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
-
उन्होंने आतंकवादी हमलों के खिलाफ चेतावनी भी दी।
जनरल जमान की सेना पर मजबूत पकड़
कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि सेना प्रमुख खुद पाकिस्तानी समर्थकों के तख्तापलट का सामना कर रहे थे, लेकिन फिलहाल उनकी पकड़ मजबूत है। उन्होंने कई बार ढाका में कानून-व्यवस्था पर चिंता जताई और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के संकेत दिए।
छात्र नेता का बड़ा दावा
छात्र नेता हसनत अब्दुल्ला ने दावा किया कि सेना अवामी लीग को फिर से सत्ता में लाने की कोशिश कर रही है। उनके समर्थकों ने ढाका विश्वविद्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और सेना प्रमुख के खिलाफ नारे लगाए।
सेना के खिलाफ उठी आवाज
आमार बांग्लादेश पार्टी के महासचिव असदुज्जमां फवाद ने सेना प्रमुख पर राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन के साथ मिलकर नई अंतरिम सरकार स्थापित करने की साजिश का आरोप लगाया। फवाद ने कहा,
"अगर आप शहाबुद्दीन के साथ देश चलाने की कोशिश करते हैं, तो लाखों अबू सैयद अपनी जान दे देंगे और छावनी को उड़ा देंगे।"
हालांकि, एबी पार्टी ने उनकी गिरफ्तारी की अफवाहों का खंडन किया है।
निष्कर्ष
बांग्लादेश में सैन्य तख्तापलट की अफवाहें तेज हैं, लेकिन सरकारी अधिकारियों ने इसे खारिज किया है। सेना प्रमुख वकार उज जमान और राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन के बीच सत्ता संघर्ष की अटकलें लगाई जा रही हैं। देखना होगा कि यह राजनीतिक संकट आगे क्या मोड़ लेता है।