हाल ही में ट्रंप प्रशासन के एक अहम फैसले के कारण अमेरिका में पढ़ने की योजना बना रहे विदेशी छात्रों की चिंता काफी बढ़ गई थी। अमेरिकी सरकार ने अस्थाई रूप से विदेशी छात्रों के वीजा प्रोसेसिंग को निलंबित कर दिया था, जिससे हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया था। लेकिन अब अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने छात्रों को राहत दी है। उन्होंने कहा है कि यह फैसला स्थायी नहीं है और जल्द ही वीजा प्रक्रिया फिर से शुरू हो जाएगी।
विदेशी छात्रों के लिए राहत की खबर
टैमी ब्रूस ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिका की वीजा प्रक्रिया पर अस्थाई रोक लगी है। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे ऑनलाइन जाकर अपॉइंटमेंट शेड्यूल करने की प्रक्रिया पर नजर रखें और जैसे ही स्लॉट खुले, आवेदन करें।
उन्होंने माना कि इस अस्थाई रोक के कारण छात्रों को परेशानी हुई है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि यह स्थिति स्थायी नहीं है और जल्दी ही सामान्य हो जाएगी।
अगस्त से शुरू हो रहा नया सत्र, छात्रों में बेचैनी
दुनियाभर से हजारों छात्र अमेरिका में पढ़ाई के लिए हर साल आते हैं और अधिकांश छात्र अगस्त-सितंबर से शुरू होने वाले नए सेमेस्टर के लिए तैयारी कर रहे हैं।
ऐसे में वीजा प्रोसेसिंग में देरी से उनकी यूनिवर्सिटी अडमिशन, कोर्स शुरू होने की तारीख, हॉस्टल बुकिंग जैसे कई अहम पहलू प्रभावित हो सकते हैं।
ब्रूस ने कहा कि छात्रों को चिंता करने की जरूरत नहीं है लेकिन उन्हें यह भी समझना होगा कि वीजा प्रोसेसिंग में अब कई सप्ताह या महीने भी लग सकते हैं।
क्यों हुआ वीजा प्रोसेसिंग पर निलंबन?
इस निलंबन के पीछे मुख्य कारण था अमेरिकी प्रशासन का नया निर्देश, जिसमें छात्रों की सोशल मीडिया एक्टिविटी की जांच पर जोर दिया गया है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने आदेश दिया था कि जब तक सभी दूतावास और कांसुलेट्स को सोशल मीडिया स्क्रीनिंग के लिए नए दिशा-निर्देश नहीं मिलते, तब तक नए स्टूडेंट वीजा अपॉइंटमेंट पर रोक लगाई जाए।
इस कदम का प्रभाव कई देशों के छात्रों पर पड़ा, लेकिन चीनी छात्रों और कुछ राजनीतिक प्रदर्शनकारियों को सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा।
चीनी छात्रों और विरोध करने वालों के वीजा रद्द
रुबियो के आदेश के बाद, बड़ी संख्या में चीन से आने वाले छात्रों के वीजा रद्द कर दिए गए।
इसके साथ ही उन छात्रों के वीजा भी रद्द किए गए जिन्होंने अमेरिका में गाजा में इजरायल हमले के खिलाफ प्रदर्शन किए थे।
सरकार का तर्क है कि ऐसे प्रदर्शन अमेरिकी विदेश नीति के हितों के खिलाफ माने जाते हैं, इसलिए इन पर सख्ती जरूरी है।
यह स्पष्ट संकेत है कि अमेरिका अब न केवल शैक्षणिक योग्यता बल्कि राजनीतिक और सोशल मीडिया गतिविधियों के आधार पर भी वीजा देने में सावधानी बरत रहा है।
क्या यह फैसला भविष्य में स्थायी बन सकता है?
फिलहाल अमेरिकी सरकार ने साफ किया है कि यह निर्णय अस्थाई है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया निगरानी, राजनीतिक विचारधारा और विदेश नीति को देखते हुए भविष्य में ऐसे प्रतिबंध और कड़े हो सकते हैं।
इसका सीधा असर उन छात्रों पर पड़ेगा जो अकादमिक उद्देश्यों से अमेरिका आना चाहते हैं, लेकिन जिनकी सोशल मीडिया गतिविधियां सरकार को आपत्तिजनक लग सकती हैं।
छात्रों को क्या करना चाहिए?
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अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल साफ रखें – कोई भी आपत्तिजनक या राजनीतिक रूप से संवेदनशील सामग्री हटाएं।
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ऑनलाइन पोर्टल पर नज़र रखें – जैसे ही वीजा अपॉइंटमेंट खुले, तुरंत आवेदन करें।
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यूनिवर्सिटी से संपर्क में रहें – कोर्स डिले होने की स्थिति में विकल्प पर चर्चा करें।
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सभी दस्तावेज़ पहले से तैयार रखें – जैसे पासपोर्ट, I-20 फॉर्म, बैंक स्टेटमेंट, यूनिवर्सिटी ऑफर लेटर आदि।
निष्कर्ष
अमेरिका का यह फैसला दुनिया भर के लाखों छात्रों को प्रभावित करता है, खासकर भारत और चीन जैसे देशों से आने वाले छात्रों को। हालांकि, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने स्थिति को अस्थाई बताते हुए छात्रों को जल्द समाधान का भरोसा दिलाया है।
छात्रों को सतर्क रहकर समय रहते वीजा अपॉइंटमेंट के लिए आवेदन करना चाहिए और अपनी प्रोफाइल को पेशेवर बनाए रखना चाहिए। यदि सब कुछ सही रहा, तो यह संकट जल्द ही समाप्त हो जाएगा और छात्रों का अमेरिकन ड्रीम फिर से पटरी पर आ सकेगा।