मुंबई, 07 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। रूस-यूक्रेन जंग के बीच चीन रूस को लगातार सस्ते ड्रोन बनाने की टेक्नोलॉजी दे रहा है। इसी ड्रोन से रूस को यूक्रेन पर बढ़त मिल रही है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने बताया कि अब इसी टेक्नोलॉजी को मात देने के लिए अमेरिका 'स्विचब्लेड 600' ड्रोन बनाएगा। जो सस्ते और आधुनिक होंगे। पेंटागन के मुताबिक, वो इसके लिए रिप्लिकेटर प्रोग्राम को रुपए दे रहा है। रिप्लिकेटर प्रोग्राम अमेरिका का खुफिया हथियार बनाने का एक प्लान है। इस प्लान के तहत अमेरिका नई टेक्नोलॉजी का यूज करके कंप्यूटर से चलने वाले हथियार बना रहा है। इन्हें चलाने के लिए इंसानों की जरूरत नहीं होती है। आपको बता दें, चीन अमेरिका की धमकी के बाद भी रूस को लगातार हथियार सप्लाई कर रहा है। अब अमेरिका चीन को जवाब देने के लिए नए हाईटेक ड्रोन बनाएगा और भविष्य में इन ड्रोन को अपने सहयोगियों को देगा।
आपको बता दें, अमेरिका 2030 तक ऐसे हथियार बना लेगा, जो सीधे चीन के हथियारों को टक्कर दे सकें। इसके लिए अमेरिकी कंपनी स्विचब्लेड एयरोइरोनमेंट इंक के स्विचब्लेड 600 ड्रोन को चुना गया है। ये ड्रोन 39 किलोमीटर तक उड़ान भर सकते है। इनकी खास बात यह है कि ये लॉन्च से 40 मिनट पहले ही निष्क्रिय हो जाते हैं। इसके अलावा कई कंपनियां आधुनिक हथियार बनाकर पेंटागन को बेचने की तैयारी में है। अमेरिकी संसद ने इन हथियारों को खरीदने के लिए 4 हजार करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। अमेरिका का 2025 तक हजारों ड्रोन बनाने का लक्ष्य है। इन ड्रोन को जापानी, फिलीपींस, ताइवान और अमेरिकी नौसैनिक जहाज में शामिल किया जाएगा।