मुंबई, 14 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार संविधान से सेक्युलर शब्द हटा सकती है। अंतरिम सरकार में अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असाज्जमान ने बुधवार को इसके लिए हाईकोर्ट में प्रस्ताव रखा। न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रस्ताव में संविधान से सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष) और सोशलिजम (समाजवाद) शब्द हटाने की मांग की गई। इसके अलावा अटॉर्नी जनरल ने संविधान से आर्टिकल 7A खत्म करने के लिए भी कहा है। इस आर्टिकल के तहत बांग्लादेश में गैर-संवैधानिक तरीके से सत्ता परिवर्तन करने पर मौत की सजा का प्रावधान है। साथ ही असाज्जमान ने कोर्ट से मुजीबुर्रहमान को बांग्लादेश के राष्ट्रपिता का दर्जा देने वाले प्रावधान को हटाने के लिए कहा है।
दरअसल ढाका हाईकोर्ट में बुधवार को एक रिट याचिका पर सुनवाई हो रही थी। इस रिट याचिका को कई लोगों ने एक साथ मिलकर दायर किया था। इसमें शेख हसीना की सरकार द्वारा 2011 में किए गए 15वें संविधान संशोधन की वैधता को चुनौती दी गई थी। अटॉर्नी जनरल के प्रस्तावों पर कोर्ट ने अंतरिम सरकार से अपना रुख साफ करने के लिए कहा है। इस पूरे मामले पर ढाका हाईकोर्ट की 2 जजों की बैंच सुनवाई कर रही थी। इस याचिका पर सुनवाई के लिए कई वकीलों ने खुद को पक्षकार बनाया। इनमें कई याचिका के समर्थन में कर रहे थे और कुछ इसका विरोध कर रहे थे। सुनवाई को दौरान कोर्ट में शेख मुजीबुर्रहमान पर बात करते हुए असाज्जमान ने कहा कि वे निश्चित तौर पर बांग्लादेश के निर्विवाद नेता थे, लेकिन अवामी लीग (शेख हसीना की पार्टी) ने उन्हें अपने हितों के लिए राजनीति में घसीटा। अगस्त में शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद तत्कालीन अटॉर्नी जनरल को इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद असाज्जमान को अंतरिम सरकार में अटॉर्नी जनरल बनाया गया था।