मुंबई, 25 जनवरी, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। श्रीलंका में पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे योशिता राजपक्षे को पुलिस ने शनिवार को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। डेली मिरर के मुताबिक योशिता पर आरोप है कि जब उनके पिता राष्ट्रपति थे, तब उन्होंने अवैध तरीके से संपत्ति खरीदी। महिंदा राजपक्षे 2005 से 2015 तक राष्ट्रपति पद पर रहे थे। योशिता महिंदा राजपक्षे के तीन बेटों में दूसरे नंबर पर हैं। पुलिस प्रवक्ता SSP बुद्धिका मनथुंगा ने कहा कि राजपक्षे को उनके होम टाउन बेलिएट्टा से गिरफ्तार किया गया। अटॉर्नी जनरल ने शनिवार को CID को योशिता की गिरफ्तारी का निर्देश दिया था। यह पूरा मामला डेजी फॉरेस्ट से जुड़ा है। डेजी महिंदा राजपक्षे की मां हैं। योशिता पर आरोप है कि उन्होंने अपनी दादी के नाम पर माउंट लाविनिया में एक जमीन खरीदी थी। पुलिस उस जमीन को खरीदने में इस्तेमाल हुए पैसे की जांच कर रही है। मामले की जांच मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की जा रही है।
योशिता को कोलंबो में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने के बाद 27 जनवरी तक रिमांड पर लिया गया है। आपराधिक जांच विभाग ने पिछले सप्ताह भ्रष्टाचार के मामले में महिंदा राजपक्षे के भाई और पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे से भी पूछताछ की थी। पिछले साल नवम्बर में राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की सरकार के सत्ता में आने के बाद से राजपक्षे परिवार की मुसीबत बढ़ गई है। दिसानायके ने महिंदा राजपक्षे के राष्ट्रपति पद के दौरान गलत काम करने वाले सभी आरोपियों को जेल भेजने का वादा किया था। पिछले महीने राजपक्षे के सबसे बड़े बेटे और विधायक नमल राजपक्षे से भी पुलिस ने एक और संपत्ति मामले में पूछताछ किया था। इससे पहले महिंदा राजपक्षे ने शुक्रवार को अपनी सुरक्षा बहाल करने और इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
श्रीलंकाई सरकार के मंत्री नलिंदा जयतिसा ने दावा किया कि योशिता को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार नहीं किया गया है क्योंकि वे पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे हैं। बल्कि उनकी गिरफ्तारी इसलिए हुई है क्योंकि उन्होंने अवैध तरीके से जमीन खरीदी है। उन्होंने कहा कि हाल में हुई गिरफ्तारियों के पीछे कोई राजनीतिक साजिश नहीं है। उन्होंने कहा, "अगर किसी ने अवैध रूप से या संदिग्ध तरीके से जमीन या संपत्ति खरीदी है और ऐसे मामलों में CID जांच की जाती है। मंत्री ने कहा कि जो जांच शुरू हुई है वह जारी है। जल्द ही उन्हें जमानत मिल जाएगी। लेकिन, मुकदमा जारी रहेगा। कानून को लागू करना न्यायपालिका का कर्तव्य है। सरकार केवल इसमें मदद करती है।