मुंबई, 20 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वो टेस्ला चीफ एलन मस्क को सलाहकार बनाने के लिए तैयार हैं। ट्रम्प इस साल नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को दिए एक इंटरव्यू में ट्रम्प से पूछा गया था कि चुनाव जीतने पर क्या वे मस्क को सलाहकार या फिर कैबिनेट का पद देंगे? इस पर ट्रम्प ने ‘हां’ में जवाब दिया। ट्रम्प ने कहा कि मस्क बहुत होशियार हैं। अगर वे चाहेंगे तो ऐसा किया जाएगा। ट्रम्प के इस इंटरव्यू के बाद मस्क का रिएक्शन भी आया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि वह सेवा करने को तैयार हैं। उन्होंने पोस्ट में एक AI तस्वीर भी लगाई है। इसमें वह डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE ) लिखे पोडियम के सामने खड़े दिखाए गए हैं। इसमें DOGE को शॉर्टफॉर्म में लिखा गया है। DOGE एक लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी डॉजकॉइन का शॉर्टफॉर्म भी है। ये एक क्रिप्टोकरेंसी है। मस्क इसे लंबे समय से सोशल मीडिया पर प्रमोट करते रहे हैं। डॉजकॉइन को 2013 में सॉफ्टवेयर इंजीनियर बिली मार्कस और जैक्सन पामर ने मजाक के तौर पर शुरू किया था। ये एक मीम पर बेस्ड है।
तो वहीं, अमेरिकी वेबसाइट वॉल स्ट्रीट जर्नल ने 3 महीने पहले दावा किया था कि ट्रम्प राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के बाद मस्क को सरकार में अहम जिम्मेदारी सौंप सकते हैं। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि कि राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रम्प, मस्क को अपना पॉलिसी एडवाइजर बना सकते हैं। इसमें ये भी कहा गया था कि मस्क आर्थिक और सीमा सुरक्षा से जुड़ी नीतियों पर बेहतर प्रभाव डाल सकते हैं। वहीं, मस्क ने 12 अगस्त को एक्स स्पेस पर ट्रम्प का इंटरव्यू लिया था। इस दौरान ट्रम्प ने मस्क की खूब तारीफ की थी। इंटरव्यू में मस्क ने कहा था कि उन्होंने 2020 के चुनाव में जो बाइडेन का समर्थन किया था, लेकिन इस बार वे ट्रम्प को सपोर्ट कर रहे हैं। साथ ही, अमेरिका के इंटेलिजेंस अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रचार अभियान को हैक करने के पीछे ईरान का हाथ था। अमेरिका की खुफिया एजेंसी FBI और अन्य जांच एजेंसियों ने बयान जारी कर इस बात की पुष्टि की है। बयान में कहा गया है कि ईरान ने दोनों राजनीतिक दल के अभियानों को प्रभावित करने की कोशिश की। हाल ही में ट्रम्प के प्रचार अभियान ने कहा था कि उसके इंटरनल कम्यूनिकेशन को हैक करने के पीछे ईरानी हैकर्स का हाथ है। हालांकि इस दावे को ईरानी अधिकारियों ने खारिज कर दिया था।