मुंबई, 07 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। इजराइली अधिकारियों ने वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों की कैद से 10 भारतीय मजदूरों को छुड़ा लिया। सभी को इजराइल लाया गया है। टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलिस्तीनियों ने इन भारतीयों को मजदूरी के काम का झांसा देकर इजराइल से वेस्ट बैंक के अल-जायम गांव में बुलाया था। इसके बाद उन्हें बंधक बनाकर सभी के पासपोर्ट जब्त कर लिए थे। फिलिस्तीनी इन पासपोर्ट का इस्तेमाल कर अवैध रूप से इजराइल में घुसने की कोशिश कर कर रहे थे। इजराइली अधिकारियों ने 6 मार्च की रात वेस्ट बैंक में एक ऑपरेशन चलाकर इन सभी बंधकों को छुड़ाया। इजराइल में भारत के दूतावास ने इसकी जानकारी दी है। फिलहाल मामले की जांच जारी है। भारतीय दूतावास इजराइली अधिकारियों के संपर्क में हैं।
टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, पिछले साल से अब तक करीब 16 हजार भारतीय मजदूर इजराइल पहुंचे हैं। मई 2023 में इजराइल और भारत के बीच एक श्रम समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। इस समझौते के तहत 42,000 भारतीय मजदूरों को इजराइल में रोजगार दिया जाना था। दिसंबर 2023 में, जंग पर चर्चा के दौरान, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारतीय मजदूरों को इजराइल भेजने की प्रक्रिया को तेज करने पर सहमति जताई। भारत के विदेश मंत्रालय के मुताबिक इजराइल में श्रमिक लोहे की बाइंडिंग, फ्लोर-टाइल्स सेटिंग, प्लास्टरिंग और कारपेंटर जैसे काम करते हैं। इन्हें भारत के मुकाबले 5 गुना ज्यादा सैलरी मिलती है। इजराइल सरकार की एजेंसी Population and Immigration Authority ने भारत से जाने वाले वर्कर्स के लिए सैलरी स्ट्रक्चर जारी किया था। इसके मुताबिक, उन्हें हर महीने 1.37 लाख रुपए सैलरी दी जाएगी। भारत से उन्हीं कामगारों को इजराइल भेजा जाएगा, जिनके पास मैकेनिकल या फिर कंस्ट्रक्शन ट्रेड में डिप्लोमा है।