मुंबई, 02 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। भारत ने इंडो यूएस स्पेस मिशन के लिए अपना प्राइम एस्ट्रोनॉट चुन लिया। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इस मिशन के मुख्य अंतरिक्ष यात्री होंगे। ISRO ने बताया कि कैप्टन प्रशांत नायर को भी इस मिशन के लिए चुना गया है। वे बैकअप के तौर पर इसका हिस्सा होंगे। शुभांशु इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) कब जाएंगे, इसकी तारीख का ऐलान अभी नहीं हुआ है। हालांकि, दोनों की इस महीने के पहले हफ्ते से ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी। ISRO ने बताया कि मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र (HSFC) ने ISS के लिए अपने आगामी एक्सिओम-4 मिशन के लिए अमेरिका स्थित एक्सिओम स्पेस के साथ अंतरिक्ष उड़ान समझौता (SFA) किया है। ISRO ने आगे कहा, 4 गगनयात्रियों में से नेशनल मिशन असाइनमेंट बोर्ड ने शुभांशु और प्रशांत का चयन किया है। इंडो यूएस स्पेस मिशन करार से भारत को अपने आगामी गगनयान मिशन को पूरा करने में मदद मिलेगी। ग्रुप कैप्टन शुभांशु और ग्रुप कैप्टन प्रशांत दोनों को अगस्त के पहले हफ्ते से अमेरिका में मिशन के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। स्पेस मिशन के दौरान चयनित गगनयात्री साइंटिफिक रिसर्च और तकनीकों का परीक्षण करेंगे। इसके अलावा वे स्पेस में आउटरीच एक्टिविटी में भी शामिल होंगे।
आपको बता दें, शुभांशु की उम्र 38 साल है। वे एक फाइटर पायलट और कॉम्बेट लीडर हैं। उनके पास 2000 घंटे से ज्यादा की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने अब तक सुखोई-30MKI, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर और एएन-32 जैसे विमानों को उड़ाया है। शुभांशु का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था। शुभांशु, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) के पूर्व छात्र भी हैं। उन्हें 17 जून 2006 के भारतीय वायुसेना की लड़ाकू स्ट्रीम में कमीशंड किया गया था। वहीं, कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर चार गगनयात्रियों में से सबसे उम्रदराज (47 साल) हैं। प्रशांत भी NDA के पूर्व छात्र रह चुके हैं। उन्हें एयरफोर्स एकेडमी में स्वोर्ड ऑफ ऑनर भी मिला था। प्रशांत का जन्म 26 अगस्त 1976 को केरल के तिरूवजियाड में हुआ था। उन्हें 19 दिसंबर 1998 को भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में कमीशन दिया गया था। ग्रुप कैप्टन नायर एक क्लास-ए के फ्लाइट ट्रैनर हैं। उनके पास 3000 घंटे से ज्यादा की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने सुखोई-30MKI, मिग-21, मिग-29, हॉक, डोर्नियर और An-32 एयरक्राफ्ट भी उड़ाए हैं। प्रशांत ने सुखोई-30MKI स्क्वॉड्रन की कमान संभाली है। वे अमेरिका के स्टॉफ कॉलेज के पूर्व छात्र भी रह चुके हैं। इसके अलावा वे डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंग्टन और फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर्स स्कूल, तांबरम में डायरेक्टिंग स्टाफ भी हैं।