मुंबई, 12 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इटली दौरे से ठीक पहले खालिस्तान समर्थकों ने वहां पर महात्मा गांधी की मूर्ति को तोड़ दिया। उन्होंने मूर्ति के नीचे मृतक हरदीप सिंह निज्जर का नाम भी लिख दिया। अधिकारियों ने कहा कि मामले की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने मूर्ति पर लिखे नाम को हटा दिया है और सफाई कर दी है। इस घटना को लेकर विदेश मंत्रालय की भी टिप्पणी आई है। विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि इस मामले के लेकर इटली सरकार के अधिकारियों से शिकायत की गई है। उचित कार्रवाई की जा रही है। इटली में 13 से 15 जून तक G7 शिखर सम्मेलन का आयोजन होना है। पीएम मोदी G7 बैठक में शामिल होने के लिए कल 13 जून को रवाना होंगे। विदेश सचिव ने कहा कि पीएम मोदी, इटली PM जियोर्जिया मेलोनी के आमंत्रण पर वहां जा रहे हैं। G7 शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जापान के PM फुमियो किशिदा और कनाडाई PM जस्टिन ट्रूडो के अलावा कई अन्य बड़े नेता मौजूद रहेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम मोदी इटली में मूर्ति का उनावरण करने वाले थे। ऐसे में प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ को सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है। इटली ने इस घटना के दोषियों को पहचानने और उनपर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मूर्ति को नुकसान पहुंचाने की घटना को पुलिस काफी गंभीरता से ले रही है। इटली में भारत की राजदूत वाणी राव ने न्यूज एजेंसी ANI से बताया कि ये घटना इटली के दक्षिणी इलाके ब्रिनदिसी में हुई है। लोकल अथॉरिटी ने घटना के बाद वहां साफ-सफाई कराई है। हमने भी तुरंत इस मामले को लेकर अधिकारियों के सामने उठाया है। हमने उनसे दोषियों का पता लगाने और उनके खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। तो वहीं, विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि PM मोदी इस यात्रा के दौरान G7 शिखर सम्मेलन में मौजूद दूसरे विश्व नेताओं के साथ भारत और ग्लोबल साउथ से जुड़े कई अहम मुद्दों पर बातचीत करेंगे। यह 11वीं बार है जब भारत G7 शिखर सम्मेलन का हिस्सा बनेगा। पीएम मोदी इस सम्मेलन में पांचवीं बार हिस्सा लेंगे। अपनी इस यात्रा के दौरान PM मोदी कई नेताओं संग द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे। क्वात्रा ने कहा, भारत शांति, सुरक्षा, विकास और पर्यावरण संरक्षण सहित कई वैश्विक चुनौतियों को हल करने की कोशिश में लगातार काम कर रहा है। जी7 शिखर सम्मेलन में भारत की नियमित भागीदारी साफ तौर पर इन्हीं प्रयासों का नतीजा है।