मुंबई, 27 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से बात की है। मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, पुतिन से भारत-रूस की स्पेशल और स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप को मजबूत करने को लेकर बात की। उनसे रूस-यूक्रेन जंग को लेकर भी विचार साझा किए। बीते 2 महीने में ऐसा दूसरी बार हुआ है, जब पीएम मोदी की जंग रोकने को लेकर रूस के राष्ट्रपति पुतिन से बात हुई हो। इससे पहले मोदी 8 जुलाई को रूस दौरे पर गए थे। तब भी दोनों के बीच इसी मुद्दे पर चर्चा हुई थी। पीएम मोदी ने कहा था, ये समय जंग का नहीं है। वहीं, PM मोदी ने बताया कि उन्होंने हाल ही में किए यूक्रेन दौरे के बारे में भी पुतिन को जानकारी दी। उन्होंने जंग का शांतिपूर्ण समाधान करने को लेकर भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। एक दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी बातचीत की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन में शांति और स्थिरता के लिए भारत के समर्थन की बात दोहराई थी। मोदी और बाइडेन के बीच बांग्लादेश के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। मोदी और बाइडेन ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
PM मोदी पिछले हफ्ते 23 अगस्त को यूक्रेन के दौरे पर थे। इस दौरान राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ बैठक में मोदी ने कहा था, 'भारत हमेशा से शांति के पक्ष में रहा है। मैं कुछ दिन पहले रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मिला था। तब मैंने मीडिया के सामने उनकी आंख से आंख मिलाकर कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है। मोदी और जेलेंस्की के बीच यूक्रेन के मैरिंस्की पैलेस में करीब 3 घंटे बैठक हुई थी। उन्होंने जेलेंस्की को भारत आने का न्योता दिया। मोदी जेलेंस्की के साथ यूक्रेन नेशनल म्यूजियम भी गए, जहां उन्होंने जंग में मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बच्चों के मेमोरियल पर डॉल भी रखी। वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने बीते सप्ताह भारतीय पत्रकारों से बातचीत की थी। उन्होंने कहा था कि यूक्रेन जंग के समाधान के लिए दूसरे शांति सम्मलेन को भारत में होना चाहिए। जेलेंस्की ने इसे लेकर PM मोदी से बात की थी। दरअसल यूक्रेन की कोशिश है कि दूसरा शांति सम्मेलन ग्लोबल साउथ देशों में होना चाहिए। जेलेंस्की ने बताया था कि दूसरे शांति सम्मेलन के आयोजन के लिए भारत के अलावा सऊदी अरब, कतर, और तुर्किये के साथ भी बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि शांति सम्मेलन उसी देश में होगा, जिसकी इसमें दिलचस्पी होगी। इससे पहले स्विट्जरलैंड में पहला यूक्रेन शांति सम्मेलन जून में आयोजित किया गया था, जिसमें रूस ने हिस्सा नहीं लिया था। अब यूक्रेन शांति के लिए अपनी शर्तों को आगे बढ़ाने और रूस के प्रतिनिधियों को इसमें शामिल करने के लिए एक बार फिर से पीस समिट कराने पर जोर दे रहा है।