मुंबई, 25 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। ऑस्कर अवॉर्ड जीतने वाले फिलिस्तीनी फिल्म डायरेक्टर हमदन बल्लाल को इजराइली हिरासत से रिहा कर दिया गया है। हमदन मंगलवार को वेस्ट बैंक में स्थित पुलिस स्टेशन से बाहर निकले, जहां उन्हें हिरासत में रखा गया था। हमदन को रात भर जेल में रखा गया था, रिहाई के वक्त उनके चेहरे पर चोट और कपड़ों पर खून के निशान थे। हमदन के साथ दो और फिलिस्तीनियों को भी रिहा किया गया। हालांकि इससे जुड़ी कोई तस्वीर या वीडियो अभी तक सामने नहीं आया है। इससे पहले हमदन के को-डायरेक्टर युवल अब्राहम ने X पर उनकी गिरफ्तारी की जानकारी दी थी। हमदन और युवल ने मिलकर ‘नो अदर लैंड’ फिल्म बनाई है, जिसने इस साल ऑस्कर में बेस्ट डॉक्यूमेंट्री का अवॉर्ड जीता था। यह फिल्म जंग के दौरान एक फिलिस्तीनी कार्यकर्ता बासेल अद्र और युवल के बीच पनपी दोस्ती और संघर्ष को दिखाती है।
हमदन बल्लाल और उनके साथ रिहा किए गए अन्य लोगों पर वेस्ट बैंक में यहूदी प्रवासियों पर पत्थर फेंकने का आरोप था, हालांकि उन्होंने इन आरोपों से इनकार किया था। सेंटर फॉर जूइश नॉन-वॉयलेंस नाम की एक एक्टिविस्ट संस्था ने एक वीडियो जारी किया है। इसमें दिख रहा है कि रात के समय एक मैदान में मास्क पहने हुए कुछ लोग एक कार पर पत्थर फेंक रहे हैं। इस दौरान वहां मौजूद संस्था के सदस्य अपनी कार के अंदर छिपने की कोशिश करते हैं और अपने बाकी साथियों को आवाज लगाकर कहते हैं- कार के अंदर आओ। इस समूह के सदस्यों ने बताया कि पत्थर फेंके जाने से कार की खिड़की टूट गई। युवल अब्राहम ने बताया था कि हमदन को वेस्ट बैंक में इजराइली सेटलमेंट के एक पुलिस स्टेशन में रखा गया था। किसी को उनसे मिलने या बात करने की इजाजत नहीं थी। यहां तक कि उनके वकील भी उनसे बात नहीं कर पा रहे थे।
CNN के मुताबिक फिलिस्तीनी कार्यकर्ता बासेल अद्र ने सोशल मीडिया पर लिखा था, बल्लाल के घर के बाहर इजराइली निवासियों का एक ग्रुप था, जिनमें से कुछ पत्थर फेंक रहे थे। इजराइली पुलिस और सेना भी घर के बाहर मौजूद थी। जो भी लोग बल्लाल की मदद करने के कोशिश कर रहे थे, इजरायली सैनिक उन पर गोलियां चला रहे थे। CNN के ही मुताबिक, इजराइली सेना ने कहा कि उस जगह पर फिलिस्तीनियों और इजराइलियों के बीच हिंसक झड़प हो रही थी। दोनों तरफ से एक-दूसरे पर पत्थर फेंके जा रहे थे। कई आतंकियों ने इजराइली नागिरकों की तरफ पत्थर फेंके थे और उनकी गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया था। इसके बाद ये लड़ाई शुरू हुई थी।
'नो अदर लैंड' एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म है, जिसे दो इजरायली और फिलिस्तीनी डायरेक्टर्स ने मिलकर बनाया है। यह फिल्म बासेल अद्र की कहानी दिखाती है, जिनकी जन्मभूमि मासाफेर यट्टा को इजराइली सेना नष्ट कर रही हैं। वे इन घटनाओं को रिकॉर्ड करने के लिए गिरफ्तारी और हिंसा का जोखिम उठाते हैं। साथ ही यह फिल्म जंग के दौरान बासेल अद्र और इजराइली पत्रकार युवल के बीच पनपी दोस्ती और संघर्ष को भी दिखाती है। इस फिल्म ने कई इंटरनेशनल अवॉर्ड जीते हैं। इसमें सबसे पहला अवॉर्ड 2024 में बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में मिला था। इसके बाद इसे इस साल 2025 में बेस्ट डॉक्यूमेंट्री का अवॉर्ड मिला था। यह फिल्म विवादों में भी रही है। इजराइल और अन्य देशों में कुछ लोगों ने इस पर नाराजगी जताई है। अमेरिका के मियामी बीच में एक सिनेमा हॉल ने इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग हुई थी, लेकिन वहां के एडमिनिस्ट्रेशन ने थिएटर की लीज खत्म करने का प्रस्ताव रखा था।