मुंबई, 10 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिका दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी ने आरक्षण कहा, कांग्रेस तभी आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेगी, जब देश में सभी को समान अवसर मिलने लगेंगे। फिलहाल भारत में ऐसी स्थिति नहीं है। दरअसल, वॉशिंगटन डीसी के जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी में राहुल से पूछा गया था कि भारत में आरक्षण कब तक चलेगा? इसके जवाब में उन्होंने ये बातें कहीं। इसके बाद भारत में मायावती ने उनके बयान की निंदा की है। उन्होंने कहा, राहुल के नाटक से सतर्क रहें, वे आरक्षण को खत्म करने की साजिश में जुटे हैं। आपको बता दें, अमेरिका में दिए राहुल के एक और बयान पर विरोधियों ने उनकी निंदा की है। राहुल ने कहा था, भारत में सिख समुदाय के बीच इस बात की चिंता है कि उन्हें पगड़ी, कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी या नहीं? क्या वे गुरुद्वारे जा सकेंगे? ये चिंता सिर्फ सिखों की नहीं बल्कि सभी धर्मों के लिए है। इस पर भाजपा नेता हरदीप सिंह पुरी ने कहा, सिखों को भारत में तभी डर लगा था जब राहुल का परिवार सत्ता में था। मैं 6 दशकों से पगड़ी पहन रहा हूं। वहीं, BJP के प्रवक्ता RP सिंह ने सिखों पर दिए बयान पर राहुल को कोर्ट में घसीटने की बात कही है। वहीं राहुल के आरक्षण वाले बयान पर भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने निशाना साधते हुए कहा कि “आरक्षण का विरोध उनकी विरासत है। राहुल जिस संविधान को लेकर घूमते हैं, उसी के साथ सबसे बड़ा छलावा और धोखा कर रहे हैं। साथ ही, रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये आरक्षण खत्म करने की सोची समझी रणनीति और षडयंत्र है। उनका संविधान की रक्षा का दावा एक ढकोसला है। राहुल गांधी जब भी विदेश जाते हैं उनका मकसद भारत को नीचा दिखाना और अपमानित करना होता है। उनका वहां चीन के प्रति प्रेम उभर आता है।
राहुल ने कहा, कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब सही समय होगा। जब आप वित्तीय आंकड़ों को देखते हैं, तो आदिवासियों को 100 रुपए में से 10 पैसे मिलते हैं, दलितों को 100 रुपए में से 5 रुपए मिलते हैं और OBC को भी लगभग इतनी ही रकम मिलती है। भारत के बिजनेस लीडर्स की लिस्ट देखें। मुझे लगता है कि टॉप 200 में से एक OBC है, जबकि वे भारत में 50% हैं, लेकिन हम इस बीमारी का इलाज नहीं कर रहे हैं। भारत के दलित, OBC, आदिवासी को उनका हक नहीं मिल रहा है। देश के 90% आबादी वाले OBC, दलित और आदिवासी इस खेल में ही नहीं हैं। जातिगत जनगणना यह जानने का आसान तरीका है कि निचली जातियां, पिछड़ी जातियां और दलित किस स्थिति में हैं। देश के सर्वोच्च न्यायालय में देखिए, उनकी कोई भागीदारी नहीं है। मीडिया में देखिए, वहां निचली जातियां, OBC, दलित हैं ही नहीं। हम में से ज्यादातर जाति जनगणना के विचार पर सहमत हैं। हमारा गठबंधन (I.N.D.I.A) इस बात पर सहमत है कि भारत के संविधान की रक्षा की जानी चाहिए। भारत के बिजनेस को सिर्फ दो लोग अडाणी और अंबानी नहीं चला सकते। हमने बार-बार गठबंधन सरकारें चलाई हैं, जो सफल रही हैं। हमें पूरा यकीन है कि हम ऐसा फिर से कर सकते हैं। गठबंधन का पूरा विचार लोगों को यह बताना था कि भारत पर हमला हो रहा है और यह बहुत सफल रहा। चुनावों से पहले, हम इस बात पर जोर देते रहे कि संस्थाओं पर कब्जा कर लिया गया है। एजुकेशन सिस्टम पर RSS का कब्जा है। मीडिया और जांच एजेंसियों पर उनका कब्जा है। मैंने संविधान को सामने रखना शुरू किया। अगर संविधान खत्म हो गया, तो पूरा खेल खत्म हो जाएगा। लोगों ने समझा कि जो संविधान की रक्षा कर रहे हैं और जो इसे नष्ट करना चाहते हैं, यह उनके बीच की लड़ाई है। मुझे नहीं लगता कि निष्पक्ष चुनाव होते तो BJP 246 के करीब होती। हम समान नागरिक संहिता (UCC) पर तभी कुछ कहेंगे जब पता चलेगा कि BJP का प्रस्ताव क्या है। हमने इसे नहीं देखा है। हमें नहीं पता कि वे किस बारे में बात कर रहे हैं। हमारे लिए इस पर टिप्पणी करने का कोई मतलब नहीं है। जब वे इसे लाएंगे, तब हम इसे देखेंगे और इस पर टिप्पणी करेंगे।