चैत्र मास की नवमी तिथि को भगवान विष्णु ने राम के रूप में अवतार लिया था, तो इसी माह की पूर्णिमा को उनके भक्त हनुमानजी का जन्म हुआ था। इसीलिए चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती मनाई जाती है। हनुमानजी को सिन्दूर अत्यंत प्रिय है। यही कारण है कि उनका पूरा शरीर सिन्दूर से भरा रहता है। आइए जानते हैं सिन्दूर के कुछ खास उपाय जो सौभाग्य और ग्रह शांति में सहायक होते हैं।
हनुमानजी की पूजा सिन्दूर से क्यों की जाती है?
धार्मिक ग्रंथों में हनुमानजी की पूजा सिन्दूर से करने के कई कारण बताए गए हैं। लंका दहन के समय हनुमानजी की पूँछ पर तेल की कुछ गर्म बूँदें गिर गईं, जिससे उन्हें अत्यधिक जलन होने लगी। तब माता सीता ने उन्हें सिन्दूर लगाने की सलाह दी, जिससे उनकी पूँछ की जलन शांत हो गई। एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्री राम ने अपनी भक्ति के प्रतीक के रूप में हनुमानजी को सिन्दूर भेंट किया था। तभी से हनुमानजी को सिन्दूर लगाने की परंपरा शुरू हुई। यह भी कहा जाता है कि सिन्दूर सर्वोच्च शक्ति और वीरता का प्रतीक है। हनुमानजी भगवान राम के परम भक्त हैं, इसीलिए वे सिन्दूर का लेप भी लगाते हैं।
सिन्दूर पूजा का असली कारण
सिन्दूर से हनुमानजी की पूजा का एक कारण माता सीता से भी जुड़ा है। एक बार माता सीता अपनी मांग में सुहाग का प्रतीक सिन्दूर भर रही थीं तो हनुमानजी ने इसका कारण पूछा। माता सीता ने कहा कि भगवान राम स्वस्थ और दीर्घायु हों, इसलिए वह ऐसा करती हैं। यह कारण जानने के बाद हनुमानजी ने सोचा कि यदि मांग में एक चुटकी सिन्दूर लगाने से भगवान राम की आयु लंबी हो जाती है, तो मैं अपने पूरे शरीर में सिन्दूर लगा लूंगा, ताकि वे मेरे प्रभु अजर-अमर हो जाएं। यह सोचकर हनुमानजी ने अपने पूरे शरीर पर सिन्दूर लगा लिया। भक्तों द्वारा हनुमानजी को चोला लगाने का असली कारण यही बताया जाता है।
हनुमान जयंती पर करें ये सिन्दूर उपाय
सौभाग्य प्राप्ति के उपाय
सौभाग्य के लिए आमतौर पर भक्त हनुमानजी के चरणों से सिन्दूर लेकर मस्तक पर तिलक लगाते हैं, लेकिन अलग-अलग मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए हनुमानजी के शरीर के विभिन्न अंगों से सिन्दूर लेकर उसे धारण करने की प्रथा है।
बेहतर स्वास्थ्य के उपाय
यदि किसी को घुटने का गठिया रोग है तो हनुमानजी के घुटने का सिन्दूर लेकर उसका तिलक लगाने से इस समस्या से शीघ्र छुटकारा मिल जाता है। यदि कोई बहुत कमजोर शरीर का है तो हनुमानजी की जंघा से सिन्दूर लेकर मस्तक पर धारण करने से शरीर मजबूत हो जाता है।
बुरी नजर से बचने के उपाय
रामभक्ति में लीन लोग हनुमानजी की तरह उनके हृदय स्थल से सिन्दूर लेकर तिलक लगाते हैं। बुरी नजर और बुरी आत्माओं से बचने के लिए हनुमानजी के दोनों पैरों से सिन्दूर लेकर कानों के पीछे लगाने की प्रथा है।
ग्रह शांति के उपाय
यदि कोई शनि दोष सहित अन्य ग्रहों से पीड़ित है तो उन्हें हर मंगलवार और शनिवार को हनुमानजी के शरीर पर सरसों के तेल में सिन्दूर मिलाकर लेप करना चाहिए। हनुमानजी के चरणों से सिन्दूर लेकर मस्तक पर धारण करना चाहिए।