वैदिक कैलेंडर के अनुसार, होलिका दहन हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि की रात को किया जाता है। इस वर्ष होलिका दहन 24 मार्च 2024, रविवार को है। ज्योतिषियों के अनुसार, होलिका दहन की रात कुछ ऐसे उपाय किए जाते हैं, जिन्हें करने से आपके और आपके पूरे परिवार के ऊपर से अकाल मृत्यु का भय दूर हो जाता है। तो आज इस खबर में हम जानेंगे कि वो कौन से उपाय हैं जिन्हें अपनाकर अकाल मृत्यु के भय से छुटकारा पाया जा सकता है।
होलिका दहन के उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि आप होलिका दहन के दिन सिर्फ एक उपाय करते हैं, तो आपके और आपके पूरे परिवार से अकाल मृत्यु का भय दूर हो जाता है। होलिका दहन के दिन होलिका दहन करने के बाद पूरे परिवार के साथ चंद्रदेव के दर्शन करना चाहिए। आपको बता दें कि भगवान चंद्रमा अपने पिता बुद्ध की राशि में और सूर्य अपने गुरु बृहस्पति की राशि में निवास करते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, होलिका दहन की रात पूरे परिवार के साथ चंद्रदेव के दर्शन करने से अकाल मृत्यु का भय दूर हो जाता है। साथ ही होलिका दहन के दिन गेहूं और गुड़ से बनी रोटी पूरे परिवार के साथ खानी चाहिए. ऐसा करने से अकाल मृत्यु के भय से भी बचा जा सकता है।
क्यों खास है होलिका दहन?
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि होलिका दहन के दिन भगवान विष्णु अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए नरसिंह अवतार में पृथ्वी पर आये थे। तभी से लेकर अब तक होलिका दहन की परंपरा चली आ रही है। ज्योतिषियों के अनुसार होलिका दहन किसी भी समय गैर भद्रा मुहूर्त में किया जाता है। इस साल होलिका दहन के दिन भद्रा का शुभ समय रात 11.13 बजे है। इसलिए 24 मार्च की रात 11.13 बजे के बाद होलिका दहन किया जा सकता है.