वैदिक ज्योतिष में रत्नों का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग अपनी राशि के अनुसार रत्न धारण करते हैं उनकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति ठीक हो जाती है। साथ ही उस व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है। आपको बता दें कि नीलम रत्न शनिदेव को बहुत प्रिय है। नीलम रत्न धारण करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। लेकिन आपको बता दें कि नीलम रत्न धारण करना बहुत जोखिम भरा होता है। क्योंकि नीलम रत्न हर किसी को सूट नहीं करता है। वहीं नीलम रत्न जिस व्यक्ति के अनुकूल होता है वह रंक से राजा बन जाता है। तो आज इस खबर में हम जानेंगे कि नीलम रत्न पहनने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और साथ ही इसे पहनने से क्या नुकसान और फायदे होते हैं।
नीलमणि रत्न
रत्न शास्त्र के अनुसार यदि आप कम से कम 5 रत्ती का नीलम नीले कपड़े में बांधकर रात भर तकिए के नीचे रखकर सोएं। अगर नीमल आपको सूट करता है तो आपको रात में अच्छे सपने आएंगे, अगर अशुभ सपने आते हैं तो नीलम रत्न आपके लिए उपयुक्त है। जिन लोगों के लिए नीलम रत्न उपयुक्त नहीं होता उन्हें सपने में बुरे सपने आते हैं और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी होने लगती हैं। रत्न शास्त्र के अनुसार नीलम रत्न धारण करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। साथ ही अचानक धन की प्राप्ति भी होती है। गृहकलह दूर होता है। रुके हुए कार्य पूर्ण होने लगते हैं। स्वास्थ्य की स्थिति अच्छी है.
नीलम रत्न के नुकसान
जिन लोगों को नीलम रत्न सूट नहीं करता उनके खर्चे बढ़ने लगते हैं।
चोट व दुर्घटना की स्थिति बनी रहेगी।
बनते काम बिगड़ने लगते हैं।
व्यापार में घाटा हो रहा है.
परिवार में हमेशा झगड़ा होता रहता है।
जानिए लोगों को नीलम रत्न क्यों धारण करना चाहिए
रत्न शास्त्र के अनुसार नीलम कर्मफल दाता शनि देव का माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मकर और कुंभ राशि के लोगों के लिए नीलम रत्न पहनना बहुत शुभ होता है। लेकिन कोई भी रत्न पहनने से पहले रत्न शास्त्र के विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।