Aaj Ka Panchang 10 march 2025: आज 10 मार्च, 2025 को फाल्गुन माह का 26वां दिन है और आज इस माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 11 घंटे 50 मिनट 05 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 12 घंटे 08 मिनट 47 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह वसंत ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं। आइए जानते हैं, 10 मार्च के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?
🌕🌞 श्री सर्वेश्वर पञ्चाङ्गम् 🌞 🌕
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🚩🔱 धर्मो रक्षति रक्षितः🔱 🚩
🌅पंचांग- 10.03.2025🌅
युगाब्द - 5125
संवत्सर - कालयुक्त
विक्रम संवत् -2081
शाक:- 1946
ऋतु- बसंत
सूर्य __ उत्तरायण
मास - फाल्गुन
पक्ष _ शुक्लपक्ष
वार - सोमवार
तिथि _ एकादशी 07:44
नक्षत्र पुष्य 24:50:19
योग शोभन 13:55:19
करण विष्टि भद्र 07:44:05
करण बव 19:55:05
चन्द्र राशि - कर्क
सूर्य राशि - कुम्भ
🚩🌺 आज विशेष 🌺🚩
👉 आमलकी एकादशी, खाटू मेला
🍁 अग्रिम पर्वोत्सव 🍁
👉 गोविन्द द्वादशी/ प्रदोष व्रत
11 मार्च 2025
(मंगलवार)
👉 होलिका दहन
13 मार्च 2025 (गुरुवार)
( रात्रि 11/30 से 12 /I5)
👉 धुलण्डी/ सत्यनारायण व्रत
14 मार्च 2025 (शुक्रवार)
🕉️🚩 यतो धर्मस्ततो जयः🚩🕉️
🏵️ आमलकी एकादशी माहात्म्य 🏵️
आमलकी एकादशी के दिन आंवला पेड़ की पूजा का विधान है। इस दिन आंवला पेड़ की पूजा करना अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है।
फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी बड़ी ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ आंवले के वृक्ष की पूजा का विधान है। दरअसल आंवले का एक नाम आमलकी भी है और इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा के चलते ही इस एकादशी को आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता है। भगवान विष्णु को आंवले का वृक्ष अत्यंत प्रिय है। आंवले के हर हिस्से में भगवान का वास माना जाता है। इसके मूल, यानि जड़ में श्री विष्णु जी, तने में शिव जी और ऊपर के हिस्से में ब्रह्मा जी का वास माना जाता है। साथ ही इसकी टहनियों में मुनि, देवता, पत्तों में वसु, फूलों में मरुद्गण और इसके फलों में सभी प्रजापतियों का निवास माना जाता है। आमलकी एकादशी को रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। तो आइए जानते हैं कि आमलकी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा और पूजा मुहूर्त क्या रहेगा।
आमलकी एकादशी 2025 मुहूर्त
आमलकी एकादशी 2025 व्रत तिथि- 10 मार्च 2025
फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ- 9 मार्च 2025 को सुबह 7 बजकर 45 पर
फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का समापन- 10 मार्च 2025 को सुबह 7 बजकर 44 मिनट पर
आमलकी एकादशी व्रत पारण का समय- 11 मार्च 2025 को सुबह 6 बजकर 50 मिनट से सुबह 8 बजकर 13 मिनट तक
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय- सुबह 8 बजकर 13 मिनट पर
आंवले पेड़ का महत्व
कहते हैं आंवले के वृक्ष के स्मरण मात्र से ही गौ दान के समान पुण्य फल मिलता है। इसके स्पर्श से किसी भी कार्य का दो गुणा फल मिलता है, जबकि इसका फल खाने से तीन गुणा पुण्य फल प्राप्त होता है। अतः स्पष्ट है कि आंवले का वृक्ष और उससे जुड़ी हर चीज व्यक्ति को अप्रतिम लाभ पहुंचाने वाली है।
रंगभरी एकादशी व्रत का महत्व
काशी में फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगभरी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन से काशी में होली का पर्वकाल आरंभ हो जाता है। आज के दिन श्री काशी विश्वनाथ श्रृंगार दिवस मनाया जाता है, जिसमें बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर में रंगभरी एकादशी के दिन बाबा विश्वनाथ और पूरे शिव परिवार, यानि माता पार्वती, श्री गणपति भगवान और कार्तिकेय जी का विशेष रूप से साज-श्रृंगार किया जाता है। इसके अलावा भगवान को हल्दी, तेल चढ़ाने की रस्म निभायी जाती है और भगवान के चरणों में अबीर-गुलाल चढ़ाया जाता है। साथ ही शाम के समय भगवान की रजत मूर्ति यानि चांदी की मूर्ति को पालकी में बिठाकर बड़े ही भव्य तरीके से रथयात्रा निकाली जाती है।
जय जय श्री ठाकुर जी की
(जानकारी अच्छी लगे तो अपने इष्ट मित्रों को जन हितार्थ अवश्य प्रेषित करें।)
ज्यो.पं.पवन भारद्वाज(मिश्रा)
व्याकरणज्योतिषाचार्य
राज पंडित-श्री राधा गोपाल मंदिर
(जयपुर)