अगर आप भी हर साल जुलाई में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते हैं और इस बार समय की कमी के कारण उलझन में थे, तो आपके लिए एक बड़ी राहत की खबर है। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी है। यानी अब टैक्सपेयर्स को 46 दिन का अतिरिक्त समय मिल गया है, जिससे वे बिना जल्दबाज़ी के आराम से रिटर्न फाइल कर सकें।
CBDT का फैसला: नया फॉर्म, नई समयसीमा
यह फैसला केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने हाल ही में लिया है। बोर्ड के अनुसार, इस वर्ष टैक्स रिटर्न फॉर्म में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। फॉर्म को अधिक पारदर्शी, सरल और डेटा-सटीक बनाने के लिए उसमें नए सेक्शन जोड़े गए हैं। इसमें विशेष रूप से कैपिटल गेन को 23 जुलाई 2024 से पहले और बाद की अवधि के आधार पर अलग-अलग रिपोर्ट करने की व्यवस्था की गई है।
साथ ही, शेयर बायबैक से होने वाले नुकसान को रिपोर्ट करने के लिए भी नई शर्तें जोड़ी गई हैं। इन तकनीकी और संरचनात्मक बदलावों के चलते सिस्टम में जरूरी अपग्रेड और टेस्टिंग में अधिक समय लगा, जिसके कारण रिटर्न फाइलिंग की सामान्य समयसीमा को आगे बढ़ाना पड़ा।
क्यों बढ़ाई गई डेडलाइन?
CBDT के अनुसार, ITR फाइलिंग की प्रक्रिया को आसान और समयबद्ध बनाने के लिए सिस्टम अपग्रेड आवश्यक था। इसके अलावा, TDS क्रेडिट की जानकारी भी जून की शुरुआत में ही उपलब्ध होती है, जिससे पहले रिटर्न फाइल करना मुश्किल हो सकता था। यही वजह है कि सरकार ने टैक्सपेयर्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को पर्याप्त समय देने के लिए डेडलाइन बढ़ाने का निर्णय लिया।
सैलरी पाने वालों को ज्यादा फायदा
इस एक्सटेंशन का सबसे बड़ा फायदा उन टैक्सपेयर्स को मिलेगा जिनकी इनकम टैक्स ऑडिट नहीं होती—जैसे सैलरी पाने वाले कर्मचारी, रिटायर्ड व्यक्ति, और छोटे व्यापारी। आमतौर पर ये वर्ग ही सबसे अधिक संख्या में जुलाई तक रिटर्न फाइल करता है। अब वे बिना दबाव के दस्तावेज इकट्ठा कर, सटीक तरीके से रिटर्न फाइल कर सकेंगे।
हालांकि यह ध्यान रखना जरूरी है कि 15 सितंबर 2025 के बाद ITR फाइल करने पर ₹5,000 तक की लेट फीस लग सकती है। इसलिए टैक्सपेयर्स को सलाह दी जाती है कि वे इस अतिरिक्त समय का सही उपयोग करें और अंतिम समय का इंतजार न करें।
टैक्स विभाग की अपील
CBDT ने कहा है कि जल्द ही इस फैसले से संबंधित औपचारिक नोटिफिकेशन भी जारी किया जाएगा। विभाग का मानना है कि यह कदम टैक्सपेयर्स की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है ताकि वे बिना किसी हड़बड़ी के फॉर्म भर सकें और त्रुटियों से बचा जा सके।
निष्कर्ष
सरकार द्वारा ITR फाइलिंग की डेडलाइन बढ़ाना उन लाखों टैक्सपेयर्स के लिए राहतभरा कदम है जो हर साल समय की कमी या तकनीकी कारणों से परेशान होते हैं। अब उनके पास आवश्यक दस्तावेज तैयार करने और नए फॉर्म को समझने के लिए पर्याप्त समय है। बेहतर होगा कि इस समय का सदुपयोग कर सभी टैक्सपेयर्स समय रहते अपना रिटर्न फाइल कर लें ताकि बाद में किसी तरह की परेशानी या दंड का सामना न करना पड़े।