मुंबई, 06 नवम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राजस्थान में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं को लेकर गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस एस.पी. शर्मा और जस्टिस बलजिंदर सिंह संधू की बेंच ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्होंने जोधपुर से जयपुर आने के दौरान खुद देखा है कि हाइवे पर रोड सेफ्टी प्रोटोकॉल का पालन नहीं हो रहा है। अदालत ने राज्य सरकार को 14 नवंबर तक सड़क सुरक्षा एक्शन प्लान प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने साफ कहा कि हाइवे पर अवैध पार्किंग पूरी तरह से बंद की जाए और उन ढाबों या रेस्टोरेंट की एंट्री को सील किया जाए, जो सीधे हाइवे से जुड़ी हैं और जिनके कारण सड़क किनारे वाहनों की अनधिकृत पार्किंग होती है। साथ ही अदालत ने राज्य के डीजीपी को हाइवे सेफ्टी पेट्रोलिंग फोर्स के गठन का आदेश दिया, ताकि नियमित रूप से निगरानी और गश्त की जा सके।
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि जहां-जहां हाईवे पर अवैध रोड कट बने हुए हैं, उन्हें तुरंत बंद किया जाए और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त पुलिस बल की सहायता ली जाए। अदालत ने टिप्पणी की कि राजस्थान के कई हाइवे अब बाजार जैसे बन गए हैं, जबकि हरियाणा और चंडीगढ़ जैसे राज्यों में हाइवे के पास दुकानों की अनुमति नहीं दी जाती। इस पर महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है और मुख्यमंत्री ने तुरंत एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं।
लगातार बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर यह मामला अधिवक्ता राजेंद्र शर्मा द्वारा दायर की गई लैटर पिटीशन से शुरू हुआ था। शर्मा ने कहा था कि जयपुर के लोहामंडी चौराहे पर हाल ही में एक डंपर चालक ने शराब के नशे में दो किलोमीटर तक रॉंग साइड ड्राइविंग करते हुए 26 लोगों को टक्कर मारी, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई।
इसके अलावा, फलौदी में टैंपो ट्रैवलर और ट्रेलर की टक्कर में 15 लोगों की मौत हुई थी और जैसलमेर में स्लीपर बस में आग लगने से 21 लोगों की जान चली गई थी। इन घटनाओं के बाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा था और ट्रैफिक प्रोटोकॉल के सख्त पालन के निर्देश दिए हैं।