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महाशिवरात्रि के भव्य उत्सव के पीछे हैं ये तीन दिलचस्प कहानियाँ, जानिए इनके बारे में !

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Posted On:Saturday, February 4, 2023

महाशिवरात्रि भारत में सबसे शुभ त्योहारों में से एक है जिसका भारतीय संस्कृति में बहुत महत्व है। महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और शक्ति के मिलन का उत्सव है। शिवपुराण के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही महादेव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। शास्त्रों के अनुसार इसकी रचना महाशिवरात्रि के दिन से शुरू हुई थी। शिवरात्रि का वर्णन गरुड़ पुराण, स्कंद पुराण, पद्मपुराण और अग्निपुराण आदि में मिलता है।
What's the difference between Shivratri and Mahashivratri? Here're lesser  know facts | Books-culture News – India TV

जानकारी के अनुसार गण महादेव को प्रसन्न करने के लिए भक्त अपने-अपने तरीके से पूजा अर्चना करते हैं। 18 फरवरी को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। महाशिवरात्रि के पर्व का महत्व इसलिए है क्योंकि यह शिव और शक्ति के मिलन की रात है। इस दिन व्रत रखने के लिए भक्तों द्वारा रुद्राभिषेक किया जाता है। शिवरात्रि को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। पेश हैं शिवरात्रि की तीन प्रमुख कथाएं
Mahashivratri: Legends associated with Maha Shivratri

महादेव शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए

शास्त्रों के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही महादेव पहली बार प्रकट हुए थे। शिव का प्राकट्य ज्योतिर्लिंग अर्थात अग्नि के शिवलिंग के रूप में था। शिवलिंग का न आदि है न अंत। कहा जाता है कि शिवलिंग का पता लगाने के लिए हंस रूपी ब्रह्माजी शिवलिंग के सबसे ऊपरी हिस्से को देखने की कोशिश कर रहे थे लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। वह शिवलिंग के सबसे ऊपरी हिस्से तक भी नहीं पहुंच सका। दूसरी ओर भगवान श्री विष्णु वराह द्वारा शिवलिंग के निचले खंभे तक नहीं पहुंच सके।
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बारह ज्योतिर्लिंगों की कथा :

शिवपुराण के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन देश भर में बारह ज्योतिर्लिंग प्रकट हुए थे। इन 12 ज्योतिर्लिंगों में सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, केदारनाथ ज्योतिर्लिंग, भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, रामेश्वर ज्योतिर्लिंग और घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग शामिल हैं। इन 12 ज्योतिर्लिंगों के प्राकट्य के लिए भी महाशिवरात्रि मनाई जाती है।

Maha Shivratri 2022: Check out list of 12 Jyotirlingas spread across India  | Culture News | Zee News
शिव और शक्ति मिलन

शास्त्रों के अनुसार माता पार्वती ने शिव को पति के रूप में पाने के लिए घोर तपस्या की थी। फलस्वरूप फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को माता पार्वती का विवाह महादेव के साथ हुआ।


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