जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, सोशल मीडिया पर ध्रुवीकरण वाले पोस्ट भी सामने आने लगे हैं. इस पोस्ट से आम आदमी तुरंत फेक न्यूज का शिकार बन जाता है. सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग दुकानों में तोड़फोड़ करते नजर आ रहे हैं. दावा किया गया कि भगवा रंग की वजह से इन दुकानों में तोड़फोड़ की गई.@नारायणवाल2 नाम के एक यूजर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की है, जिसके कैप्शन में लिखा है, "कांग्रेस को वोट देकर आप अपनी दुकान, घर, मोहल्ले, मंदिर आदि में भगवा रंग का इस्तेमाल नहीं कर सकते - कर्नाटक।"
जब हमने इस वीडियो की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि ये वीडियो करीब 2 हफ्ते पुराना है. जब हमने इससे जुड़े वीडियो ढूंढने शुरू किए तो हमारी नजर एक वीडियो पर पड़ी, जिसमें हमें पता चला कि हाल ही में KaRaVe यानी कन्नड़ रक्षा वैदिक ने कर्नाटक के बेंगलुरु में बड़ा विरोध प्रदर्शन किया था. इस बीच उन्होंने कई दुकानों के अंग्रेजी नाम वाले साइन बोर्ड तोड़ दिये. इसके बाद पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज की और कई कर्वे कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया.
*🔥कांग्रेस को वोट देकर आप अपनी दूकान घर मोहल्ला मन्दिर इत्यादी जगह पर भगवा रंग का उपयोग नही कर सकते --कर्नाटक* 👆🏻 pic.twitter.com/QLNFaMQ0sc
— o. p. khandelwal (@narayanwal2) February 27, 2024
इस प्रदर्शन के कारण, कर्नाटक सरकार ने 60 प्रतिशत कन्नड़ डिस्प्ले को अनिवार्य कर दिया, जिसके बाद बीबीएमपी ने खुद ही 60 प्रतिशत कन्नड़ डिस्प्ले वाली दुकानों के साइनबोर्ड या बिना नाम वाले बोर्ड वाले साइनबोर्ड से नाम हटाना शुरू कर दिया। वीडियो उस समय का है जब बृहद बेंगलुरु नगर निगम (बीबीएमपी) के कर्मचारी शहर में दुकानों के अंग्रेजी नाम वाले बोर्ड फाड़ रहे थे।कॉरपोरेट सरगनाओं द्वारा व्यापारिक प्रतिष्ठानों के नाम बोर्ड फाड़ने के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे, यह वीडियो भी वैसा ही है. इसे भ्रामक दावों के साथ शेयर किया गया.