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गोल्ड रिजर्व बढ़ा, फॉरेक्स रिजर्व $1.8 बिलियन गिरा, RBI के डेटा से हुआ बड़ा खुलासा

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Posted On:Monday, December 8, 2025

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी नवीनतम साप्ताहिक डेटा रिपोर्ट के अनुसार, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) में लगातार दूसरे सप्ताह गिरावट दर्ज की गई है। 28 नवंबर 2025 को समाप्त हुए सप्ताह में देश का फॉरेक्स किटी $1.8 बिलियन डॉलर घटकर $686.2 बिलियन डॉलर रह गया। इससे ठीक पिछले सप्ताह (21 नवंबर) में भी यह भंडार $4.4 बिलियन की बड़ी गिरावट के साथ $688.1 बिलियन डॉलर पर आ गया था।

फॉरेक्स रिजर्व में गिरावट की वजह

पिछले कई हफ्तों से भारत का फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व ज्यादातर डाउनट्रेंड में रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार में यह गिरावट मुख्य रूप से फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) में कमी के कारण आई है। FCA, जो कि फॉरेक्स रिजर्व का सबसे बड़ा हिस्सा है, में डॉलर, यूरो, जापानी येन और पाउंड स्टर्लिंग जैसी रिजर्व करेंसी शामिल होती हैं। RBI अक्सर रुपये में तेज गिरावट को रोकने और लिक्विडिटी मैनेज करने के लिए बाजार में डॉलर बेचता है। जब डॉलर की मांग बढ़ती है और रुपया कमजोर होता है, तो सेंट्रल बैंक भंडार से डॉलर बेचकर बाजार को स्थिर करने की कोशिश करता है। रुपये को मजबूत होने पर RBI सोच-समझकर डॉलर खरीदता है। हालिया गिरावट इस बात का संकेत देती है कि RBI को रुपये को स्थिर बनाए रखने के लिए बाजार में हस्तक्षेप करना पड़ा है।

गोल्ड रिजर्व में शानदार बढ़ोतरी

फॉरेन करेंसी एसेट्स में गिरावट के विपरीत, इस रिपोर्टिंग सप्ताह में भारत के गोल्ड रिजर्व (स्वर्ण भंडार) में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। सेंट्रल बैंक ने बताया कि गोल्ड रिजर्व में $1.6 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई, जिससे इसकी कुल वैल्यू $105.7 बिलियन डॉलर हो गई। हाल के महीनों में, वैश्विक अनिश्चितताओं और जियोपॉलिटिकल तनाव के बीच सेफ-हेवन एसेट माने जाने वाले सोने की कीमत में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, जिसके चलते केंद्रीय बैंकों की गोल्ड रिजर्व को बढ़ाने की प्रवृत्ति देखी गई है। किसी भी देश का सेंट्रल बैंक आर्थिक अनिश्चितता के आधार पर अपने गोल्ड रिजर्व को बढ़ाने या घटाने का अधिकार रखता है।

अन्य होल्डिंग्स में भी उछाल

गोल्ड रिजर्व और फॉरेन करेंसी एसेट्स के अलावा, भारत के फॉरेन एक्सचेंज के भंडार में दो और पहलू शामिल होते हैं: स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDRs) और इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) में रिजर्व पोजीशन।

  • स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDRs): आरबीआई के आधिकारिक डेटा के अनुसार, भारत का SDRs इस सप्ताह $63 मिलियन डॉलर बढ़कर $18.62 बिलियन डॉलर हो गया।

  • IMF में रिजर्व पोजीशन: IMF के पास भारत की रिजर्व पोजिशन भी $16 मिलियन डॉलर बढ़कर रिपोर्टिंग हफ्ते में $4.7 बिलियन डॉलर हो गई।

भले ही कुल विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है, गोल्ड रिजर्व और IMF में रिजर्व पोजीशन में वृद्धि एक सकारात्मक संकेत है जो वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के समय भारत की बाहरी भुगतान क्षमताओं को मजबूत करता है।


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