जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले ने इस साल की अमरनाथ यात्रा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। हालांकि, सरकार ने साफ कर दिया है कि यात्रा नियत समय पर 3 जुलाई 2025 से शुरू होगी, लेकिन इसके सुरक्षा प्रोटोकॉल में अहम बदलाव किए जाएंगे।
यात्रा रद्द नहीं, लेकिन सुरक्षा में बड़े बदलाव
जम्मू-कश्मीर के डिप्टी मुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने एक प्रेस बयान में कहा कि श्रद्धालुओं को घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार की प्राथमिकता हर यात्री की सुरक्षा है। इसके लिए नई सुरक्षा योजनाएं तैयार की जा रही हैं, ताकि इस पवित्र यात्रा को बिना किसी बाधा के सम्पन्न कराया जा सके।
कौन-कौन से बदलाव संभव हैं?
सरकारी और मीडिया सूत्रों के अनुसार, इस बार की अमरनाथ यात्रा में निम्नलिखित प्रमुख बदलाव संभव हैं:
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नई सुरक्षा योजना लागू की जाएगी, जिसमें विशेष रूप से केंद्रीय सुरक्षा बलों की भूमिका बढ़ेगी।
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केंद्रीय कमांड सेंटर 24 घंटे हर गतिविधि की निगरानी करेगा।
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ड्रोन और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से पूरे मार्ग पर नजर रखी जाएगी।
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ट्रांजिट कैंपों की सुरक्षा और अधिक कड़ी की जाएगी।
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पहलगाम और सोनमर्ग जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में पर्यटकों की आवाजाही पर सीमित प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
सुरक्षा बलों की संख्या होगी अधिक
पहले से ही अमरनाथ यात्रा के दौरान लगभग 1.5 लाख सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं। इस साल इस संख्या को और बढ़ाया जाएगा, ताकि किसी भी संभावित खतरे को समय रहते रोका जा सके। इसके अलावा, कंट्रोल रूम्स, हेलिकॉप्टर सर्विलांस और मोबाइल क्विक रिएक्शन टीम्स को भी अधिक सक्रिय किया जाएगा।
श्रद्धालु डरे, लेकिन सरकार दे रही भरोसा
पहलगाम हमले के बाद से अमरनाथ यात्रा के रजिस्ट्रेशन में गिरावट देखने को मिली है। कई श्रद्धालु जिन्होंने पहले से रजिस्ट्रेशन कराया था, अब संकोच में हैं और यात्रा पर जाने को लेकर आशंकित नजर आ रहे हैं।
हालांकि, सरकार की ओर से बार-बार यह आश्वासन दिया जा रहा है कि पूरी यात्रा सुरक्षित होगी, और किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है।
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जारी है
अमरनाथ यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन जारी है। इच्छुक श्रद्धालु श्राइन बोर्ड की वेबसाइट jksasb.nic.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
इस साल के लिए रजिस्ट्रेशन 15 अप्रैल 2025 से शुरू हो चुके हैं और यात्रा 3 जुलाई से 31 अगस्त तक चलेगी।
सरकार का संदेश साफ: आतंक नहीं रोक पाएगा श्रद्धा
डिप्टी सीएम सुरिंदर चौधरी ने कहा कि आतंकी हमलों से देश नहीं झुकेगा। अमरनाथ यात्रा एक आस्था और श्रद्धा की प्रतीक है, जिसे दहशतगर्द कभी रोक नहीं पाएंगे। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से साहस और संयम बनाए रखने की अपील की।
निष्कर्ष
पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर नए सवाल जरूर खड़े किए हैं, लेकिन सरकार के त्वरित और ठोस कदम यह साफ दिखाते हैं कि यात्रा को रद्द करना विकल्प नहीं है।
इस बार की यात्रा अत्याधुनिक तकनीक, सख्त निगरानी और व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के बीच होगी। श्रद्धालु यदि सावधानी और दिशानिर्देशों का पालन करें, तो यह यात्रा पूरी तरह से सुरक्षित और सफल हो सकती है।
भारत सरकार का संदेश साफ है – आतंक से नहीं, श्रद्धा से जीतेगा कश्मीर।