रायपुर/भिलाई: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल के रायपुर और भिलाई स्थित घरों पर बुधवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की टीम ने छापेमारी की। यह कार्रवाई 2161 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले की जांच के तहत की गई। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
सीबीआई की छापेमारी: भारी पुलिस बल तैनात
बुधवार सुबह सीबीआई की टीम ने रायपुर और भिलाई स्थित बघेल परिवार के घरों पर दस्तक दी। टीम ने घर के अंदर गहन जांच शुरू की, जबकि बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।

सूत्रों के अनुसार, सीबीआई अधिकारियों ने बघेल परिवार के बैंक खातों, संपत्तियों और अन्य वित्तीय दस्तावेजों की जांच की। इस दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन सतर्क रहा।
क्या है 2161 करोड़ रुपये का कथित शराब घोटाला?
यह घोटाला छत्तीसगढ़ में 2019 से 2022 के बीच कथित तौर पर अवैध शराब बिक्री और भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि एक संगठित गिरोह ने सरकार की शराब नीति का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की। प्रवर्तन निदेशालय (ED) पहले ही इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत जांच कर रही है। जांच के दौरान 205 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच किया गया था और कई लोगों से पूछताछ की गई थी।

ईडी की छापेमारी और कांग्रेस का विरोध
इससे पहले 10 मार्च को ईडी ने भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल के परिसरों पर छापेमारी की थी। इस दौरान ईडी अधिकारियों को कांग्रेस समर्थकों के विरोध का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस नेताओं ने इसे बदले की राजनीति करार दिया था और केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।
राजनीतिक प्रतिक्रिया: कांग्रेस बनाम बीजेपी
सीबीआई और ईडी की इन कार्रवाइयों को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक षड्यंत्र बताया है, वहीं भाजपा ने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ जरूरी कदम करार दिया है। भूपेश बघेल ने छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मुझे और मेरे परिवार को झूठे मामलों में फंसाने की साजिश हो रही है। यह भाजपा द्वारा प्रायोजित राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है।" वहीं, भाजपा नेताओं का कहना है कि अगर वे निर्दोष हैं, तो जांच से डर क्यों रहे हैं?
आगे क्या होगा?
फिलहाल, सीबीआई और ईडी दोनों ही जांच में जुटी हुई हैं। जब्त दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स की गहन जांच की जा रही है। राजनीतिक माहौल गर्म है और आगामी दिनों में यह मामला और तूल पकड़ सकता है। अगर सीबीआई को ठोस सबूत मिलते हैं, तो भूपेश बघेल और उनके सहयोगियों पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इस मामले का असर छत्तीसगढ़ की राजनीति और कांग्रेस पार्टी की रणनीति पर भी पड़ सकता है। अब देखना होगा कि यह जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है।

यह मामला कितना बड़ा मोड़ लेगा, यह आने वाले दिनों में साफ होगा। लेकिन एक बात तय है – छत्तीसगढ़ की राजनीति में इस जांच का प्रभाव लंबे समय तक बना रहेगा।