जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को संकट में डाल दिया है। इस हमले के बाद सीमा पर तनाव चरम पर है, और भारत सरकार ने एक के बाद एक कड़े फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। इसी क्रम में केंद्र सरकार ने देश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का निर्देश जारी कर दिया है। इसके साथ ही भारतीय सेना के भीतर रणनीतिक स्तर पर बदलाव किए जा रहे हैं, जिसमें सबसे अहम नाम लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा का है।
प्रतीक शर्मा को सौंपी गई उत्तरी कमान की कमान
लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा को भारत की सबसे संवेदनशील और रणनीतिक रूप से अहम सैन्य इकाई – उत्तरी कमान (Northern Command) का नया कमांडर-इन-चीफ नियुक्त किया गया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब भारत-पाक सीमा पर युद्ध जैसे हालात बन चुके हैं।
प्रतीक शर्मा लेफ्टिनेंट जनरल एम.वी. सुचिंद्र की जगह लेंगे, जो 31 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, पहलगाम हमले के बाद जब सेना प्रमुख श्रीनगर पहुंचे थे, उस वक्त प्रतीक शर्मा उनके साथ थे, और तभी से इस जिम्मेदारी को लेकर उनके नाम की चर्चा तेज हो गई थी।
कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा?
लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा का सैन्य करियर 30 वर्षों से भी अधिक का है। वे एक अनुभवी इन्फैंट्री अधिकारी हैं और देश की सुरक्षा नीति निर्माण में उन्होंने अहम योगदान दिया है। अपने करियर में उन्होंने कई बड़े और जिम्मेदार पदों पर काम किया है, जिनमें शामिल हैं:
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महानिदेशक सैन्य संचालन (DGMO)
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मिलिट्री सेक्रेटरी ब्रांच में अहम पद
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सेना मुख्यालय के सूचना निदेशालय में सूचना एवं जनकल्याण महानिदेशक
इन सभी पदों पर रहते हुए प्रतीक शर्मा ने सेना की नीतियों को आधुनिक बनाने, सूचना संचार तंत्र को दुरुस्त करने और ऑपरेशनल प्लानिंग को और मजबूत करने की दिशा में कार्य किया।
ऑपरेशनल अनुभव: युद्ध और आतंकवाद विरोधी अभियानों में नेतृत्व
लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा का नाम उन सेनानायकों में शुमार किया जाता है, जिन्होंने वास्तविक युद्ध जैसे हालातों में निर्णायक भूमिका निभाई है। वे निम्नलिखित प्रमुख सैन्य अभियानों में शामिल रहे:
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ऑपरेशन पवन – श्रीलंका में भारतीय शांति सेना (IPKF) का अभियान
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ऑपरेशन मेघदूत – सियाचिन ग्लेशियर पर तैनाती और संचालन
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ऑपरेशन रक्षक – जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सैन्य अभियान
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ऑपरेशन पराक्रम – 2001 संसद हमले के बाद सीमा पर सेना की तैनाती
इन अभियानों में उनकी भूमिका रणनीतिक प्लानिंग से लेकर जमीनी नेतृत्व तक की रही है। यह अनुभव उन्हें उत्तरी कमान की जटिल परिस्थितियों में काम करने में मदद करेगा।
उत्तरी कमान: भारत की सुरक्षा का महत्वपूर्ण आधार
उत्तरी कमान भारत की उन सैन्य इकाइयों में से एक है जो पाकिस्तान और चीन दोनों सीमाओं से सटी हुई है। इसकी कमान संभालना सिर्फ एक पद नहीं, बल्कि एक बड़ी जिम्मेदारी होती है। यह कमान जम्मू, कश्मीर, लद्दाख, और सियाचिन जैसे क्षेत्रों में सीमावर्ती निगरानी, आतंकवाद विरोधी अभियान और युद्ध रणनीति संचालन के लिए उत्तरदायी है।
वर्तमान हालात में, जब भारत-पाक तनाव अपने चरम पर है, तब प्रतीक शर्मा जैसे अनुभवी अधिकारी को उत्तरी कमान की बागडोर सौंपना एक रणनीतिक रूप से सही फैसला माना जा रहा है।
पाकिस्तान को कड़ा संदेश
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने राजनयिक और सैन्य स्तर पर पाकिस्तान को कठोर संदेश दिए हैं।
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संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की निंदा की।
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भारतीय डिप्लोमेट्स ने पहलगाम हमले का मुद्दा उठाकर पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब किया।
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अब सेना के भीतर नेतृत्व में बदलाव करके साफ कर दिया गया है कि भारत अपने सुरक्षा ढांचे को और मजबूत करने जा रहा है।
निष्कर्ष
लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा की नियुक्ति यह दर्शाती है कि भारत सरकार और सेना दोनों मिलकर किसी भी आतंकी या सीमाई चुनौती का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उनके पास अनुभव, नेतृत्व क्षमता और रणनीतिक समझ तीनों हैं, जो इस समय की सबसे बड़ी जरूरत है।