देश के नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम चल रहा है। इस दौरान, बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) मतदाताओं के घर जाकर उनसे गणना प्रपत्र (Enumeration Form) भरवा रहे हैं। फॉर्म भरने को लेकर लोगों में काफी भ्रम है, खासकर शादीशुदा महिलाओं के लिए यह सवाल सबसे आम है कि अभिभावक (Guardian) के नाम के सेक्शन में वे किसका नाम लिखें— पति का या फिर पिता का?
आइए जानते हैं इस संबंध में चुनाव आयोग के स्पष्ट निर्देश क्या हैं और फॉर्म भरने की सही प्रक्रिया क्या है।
गणना प्रपत्र की संरचना
चुनाव आयोग द्वारा जारी गणना प्रपत्र को तीन मुख्य कॉलमों में बाँटा गया है:
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पहला कॉलम (पहचान): इसमें मतदाता का नाम, उसका एपिक नंबर (EPIC Number) और पता (Address) होता है। सबसे ऊपर BLO का नाम और उनका मोबाइल नंबर लिखा होता है।
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दूसरा कॉलम (मतदान केंद्र विवरण): इसमें मतदाता का सीरियल नंबर, पार्ट नंबर और जिस मतदान केंद्र में वह वोट देता है, उसका नाम और पता लिखा होता है।
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तीसरा कॉलम (तस्वीर): इसमें क्यूआर कोड के साथ मतदाता की ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर होती है। मतदाता को यहाँ अपनी कलर फोटोग्राफ लगानी होती है।
अभिभावक/पिता के नाम पर चुनाव आयोग का निर्देश
गणना प्रपत्र में जन्म की तारीख, आधार नंबर और मोबाइल नंबर भरने के बाद, सबसे महत्वपूर्ण कॉलम अभिभावक या पिता के नाम का आता है।
चुनाव आयोग की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि:
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अभिभावक/पिता का कॉलम: महिलाएँ इस कॉलम में अपने पिता का नाम लिखें। इसके नीचे के कॉलम में पिता के एपिक कार्ड का नंबर और फिर माँ का नाम और उनका एपिक नंबर लिखें।
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पति का कॉलम: गणना प्रपत्र में पति के लिए एक अलग कॉलम भी है। शादीशुदा महिलाओं को इस कॉलम में अपने पति का नाम लिखना है और उसके नीचे पति के वोटर कार्ड का एपिक नंबर लिखना है।
निष्कर्ष: महिला की शादी हो गई है, तब भी उन्हें अपने माता-पिता की डिटेल देना अनिवार्य है, और पति की डिटेल एक अलग कॉलम में भरनी होगी।
पिछले SIR की डिटेल्स भरना क्यों जरूरी?
गणना प्रपत्र का अंतिम भाग मतदाता से उसकी पिछली SIR (2002-2003) की मतदाता सूची से संबंधित जानकारी मांगता है।
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यदि आपका नाम 2002-2003 की SIR लिस्ट में है: मतदाता को अपना नाम, एपिक नंबर, संबंध, जिला, राज्य, विधानसभा केंद्र, सीरियल नंबर और पार्ट नंबर का विवरण भरना होगा।
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यदि आपका नाम 2002-2003 की SIR लिस्ट में नहीं है: ऐसे में मतदाता को अपने माता-पिता, दादा-दादी या नाना-नानी का विवरण लिखना होगा। इसमें उनका विधानसभा केंद्र संख्या, सीरियर नंबर और पार्ट नंबर लिखना अनिवार्य है, साथ ही उस व्यक्ति की प्रति (डिटेल) फॉर्म के साथ अटैच करनी होगी।
यह जानकारी मैपिंग के लिए आवश्यक है। जिन मतदाताओं की मैपिंग अब तक नहीं हुई है, उन्हें 9 दिसंबर को वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट प्रकाशित होने के बाद पहचान पत्र (ID) देने की नोटिस दी जाएगी। नोटिस मिलने पर मतदाता को चुनाव आयोग द्वारा बताए गए 11 तरह के ID के साथ उपस्थित होना होगा और उनका सत्यापन किया जाएगा।