20 साल के इतिहास में पहली बार G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हो रहा है। यह एक ऐतिहासिक अवसर है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होने के लिए जोहान्सबर्ग पहुँच चुके हैं। पीएम मोदी समावेशी विकास, जलवायु संकट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार रखेंगे।
यह समिट भारत के लिए भी विशेष है क्योंकि भारत ने अपनी 2023 की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकन यूनियन (AU) को G20 का स्थायी सदस्य बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालांकि, इस ऐतिहासिक सम्मेलन से दुनिया के तीन सबसे शक्तिशाली नेता—अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन—नदारद हैं। उनकी अनुपस्थिति कई वैश्विक और राजनीतिक कारणों से चर्चा का विषय बनी हुई है।
🇺🇸 डोनाल्ड ट्रंप: गोरे किसानों के मुद्दे पर दूरी
अमेरिका G20 का संस्थापक सदस्य है और अगले वर्ष की अध्यक्षता भी उसी के पास है, इसलिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अनुपस्थिति सबसे अधिक चर्चा में रही।
ट्रंप ने शुरू में स्पष्ट रूप से समिट में शामिल न होने का ऐलान किया था। उन्होंने यह आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि साउथ अफ्रीका में नए भूमि सुधार कानून के बाद श्वेत (गोर) किसानों पर जातीय अत्याचार हो रहा है। उन्होंने इस मुद्दे को उठाकर साउथ अफ्रीका की नीतियों से दूरी बनाई। हालाँकि, समिट से ठीक एक दिन पहले ट्रंप ने अपना रुख थोड़ा नरम किया और अमेरिका ने अपने कार्यवाहक राजदूत मार्क डी. डिलार्ड को अंतिम सत्र में भाग लेने के लिए भेजा है।
🇷🇺 व्लादिमीर पुतिन: गिरफ्तारी का खतरा
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का इस समिट में शामिल न होना एक कानूनी बाध्यता के कारण है।
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ICC गिरफ्तारी वारंट: इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने यूक्रेन युद्ध के संबंध में पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया हुआ है।
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रोम स्टैच्यूट: साउथ अफ्रीका रोम स्टैच्यूट का सदस्य है, जिसका अर्थ है कि ICC के वारंट का पालन करना उसके लिए कानूनी रूप से अनिवार्य है।
यदि पुतिन समिट में आते, तो साउथ अफ्रीका को अपने कानून के अनुसार उन्हें गिरफ्तार करना पड़ता। यही कारण था कि पुतिन ने 2023 के BRICS समिट में भी व्यक्तिगत रूप से भाग नहीं लिया था।
🇨🇳 शी जिनपिंग: अस्वस्थता का कारण
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी इस G20 समिट से दूर रहेंगे। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उनकी तबीयत ठीक नहीं होने के कारण उन्होंने यात्रा रद्द कर दी है। उनकी जगह चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
चीन और साउथ अफ्रीका के बीच मजबूत व्यापारिक संबंध हैं। शी जिनपिंग ने 2023 के BRICS समिट में भी हिस्सा लिया था, इसलिए इस बार उनकी अनुपस्थिति को लेकर कूटनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हैं।
भारत का बढ़ता महत्व
ट्रंप, पुतिन और जिनपिंग जैसे दुनिया के बड़े नेताओं के न आने से इस बार के G20 शिखर सम्मेलन में भारत की भूमिका और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति पहले से अधिक मजबूत हुई है। दुनिया की निगाहें पीएम मोदी पर टिकी रहेंगी कि वे इन वैश्विक मुद्दों पर किस तरह अपनी बात रखते हैं और विकासशील तथा उभरते देशों की आवाज़ को कैसे प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाते हैं।