<p>जुलाई विद्रोह के चर्चित नेता और इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की मौत ने बांग्लादेश को एक खतरनाक मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है। सिंगापुर में इलाज के दौरान हादी के दम तोड़ने के बाद बांग्लादेश की सड़कों पर न केवल आगजनी और हिंसा हो रही है, बल्कि अब इस पूरे घटनाक्रम में भारत विरोध का एक नया और तीखा अध्याय जुड़ गया है।</p> <h3>भारत के खिलाफ जहर और उच्चायोग बंद करने की मांग</h3> <p>हादी की मौत की पुष्टि होते ही नेशनल सिटिजन्स पार्टी (एनसीपी) के नेता सरजिस आलम ने अंतरिम सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। आलम ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट साझा करते हुए मांग की है कि जब तक हादी के हत्यारों को भारत बांग्लादेश के हवाले नहीं करता, तब तक राजधानी ढाका में भारतीय उच्चायोग (Indian High Commission) को बंद रखा जाना चाहिए।</p> <p>सरजिस आलम का यह बयान उस समय आया है जब कट्टरपंथी तत्वों द्वारा हादी को "भारतीय वर्चस्व के खिलाफ लड़ने वाला शहीद" घोषित किया जा रहा है। इंकलाब मंच के आधिकारिक पेजों पर भी इसी तरह की भाषा का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे आम जनता के बीच भारत के प्रति आक्रोश बढ़ रहा है।</p> <h3>बहन का आरोप: 'रॉ' की साजिश?</h3> <p>उस्मान हादी पर हुए हमले के पीछे उनकी बहन महफूजा ने सीधे तौर पर भारतीय खुफिया एजेंसी 'रॉ' (RAW) का हाथ होने का दावा किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महफूजा का कहना है कि हादी की बढ़ती लोकप्रियता और उनके भारत-विरोधी रुख के कारण उन्हें रास्ते से हटाया गया है। हालांकि, इन आरोपों के पक्ष में कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं किए गए हैं, लेकिन इस नैरेटिव ने ढाका की सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे युवाओं को और अधिक उत्तेजित कर दिया है।</p> <h3>हमले का खौफनाक मंजर</h3> <p>यह घटना 12 दिसंबर की है, जब हादी ढाका-8 संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव प्रचार कर रहे थे।</p> <ul> <li> <p>वारदात: पुराना पल्टन इलाके में जब हादी एक रिक्शा पर सवार थे, तभी मोटरसाइकिल सवार दो हमलावरों ने बेहद करीब से उनके सिर में गोली मार दी।</p> </li> <li> <p>चोट की गंभीरता: डॉक्टरों के अनुसार, गोली सिर के एक हिस्से से घुसकर दूसरे हिस्से से बाहर निकल गई थी, जिससे उनके मस्तिष्क का महत्वपूर्ण हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था।</p> </li> <li> <p>मौत: ढाका में प्राथमिक सर्जरी के बाद उन्हें 15 दिसंबर को सिंगापुर ले जाया गया, जहाँ गुरुवार रात उन्होंने अंतिम सांस ली।</p> </li> </ul> <h3>भारत को लेकर हादी का कड़ा रुख</h3> <p>शरीफ उस्मान हादी केवल एक प्रवक्ता नहीं थे, बल्कि वे बांग्लादेश की राजनीति में भारतीय हस्तक्षेप के सबसे बड़े आलोचकों में से एक माने जाते थे। उनके भाषणों में अक्सर ढाका और दिल्ली के संबंधों को लेकर कड़वाहट रहती थी। उनके समर्थकों का मानना है कि शेख हसीना की विदाई के बाद हादी जिस "स्वतंत्र बांग्लादेश" की वकालत कर रहे थे, वह विदेशी शक्तियों को रास नहीं आ रहा था।</p> <h3>बिगड़ते हालात और सुरक्षा चुनौतियां</h3> <p>हादी की मौत के बाद केवल नारेबाजी ही नहीं हुई, बल्कि चटगांव और ढाका में भारतीय संपत्तियों और उच्चायोग पर हमला करने के प्रयास भी किए गए। प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा समूह भारत के साथ सभी व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों को तोड़ने की मांग कर रहा है।</p> <p>वर्तमान में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती कानून-व्यवस्था बनाए रखने और भारत के साथ कूटनीतिक तनाव को कम करने की है। सेना प्रमुख और पुलिस प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि जुम्मे की नमाज के बाद स्थिति और न बिगड़े।</p>