साल की 12 पूर्णिमा तिथियों में से कार्तिक पूर्णिमा को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ स्नान और दीपदान करना शुभ माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के खास दिन 365 बत्तियों वाला दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है. लेकिन इस दीपक को जलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, नहीं तो पाप लग सकता है।
आइए जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा के दिन 365 बत्तियों वाला दीपक कैसे जलाएं। साथ ही आप कार्तिक पूर्णिमा की सही तारीख और पूजा के शुभ समय के बारे में भी जानेंगे।
2024 में कार्तिक पूर्णिमा कब है?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था। इसलिए इस शुभ दिन पर भगवान शिव और माता पार्वती की भी पूजा की जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि 15 नवंबर 2024 को सुबह 06:19 बजे से शुरू हो रही है और 16 नवंबर 2024 को सुबह 02:58 बजे समाप्त होगी. ऐसे में कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार 15 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा.
15 नवंबर 2024 को पूजा का शुभ समय है
चंद्रोदय का समय- शाम 04:05 बजे
स्नान-दान मुहूर्त- सुबह: 04:58 AM से 05:51 AM तक
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त- 15 नवंबर रात 11:39 बजे से 16 नवंबर रात 12:33 बजे तक
देव दिवाली पूजा मुहूर्त- शाम 05:10 बजे से शाम 07:47 बजे तक
365 बत्तियों का दीपक कैसे जलाएं?
सबसे पहले एक कलावा लें. वही कलावा लें, जिसमें 5 धागे हों। कलावे को अपने हाथ पर 73 बार लपेटें और बचे हुए धागे को काट लें। लपेटे हुए कलावे को बीच से काट लें और धागे को बत्ती की तरह सीधा कर लें। -बत्ती बनाने के बाद एक कटा हुआ नारियल लें. नारियल में देशी घी और 3 से 5 दाने खीर के डाल दीजिये. नारियल में कलावे का दीपक रखें और फिर उसे जला दें। इस दीपक को घर के मंदिर में रखें।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन 365 दीपक जलाए जाते हैं। साथ ही जीवन में सुख, समृद्धि, खुशहाली, धन, वैभव और सफलता का वास होता है।