वॉशिंगटन/कीव: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर एक बड़ा और विवादास्पद दावा किया है। उन्होंने कहा है कि उनके द्वारा लाए गए शांति प्रस्ताव पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने अभी तक उस प्रस्ताव को पढ़ा भी नहीं है। ट्रंप के इस बयान ने यूक्रेन में शांति प्रयासों की मौजूदा स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ट्रंप का निराशाजनक बयान
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में पूछे गए एक सवाल के जवाब में दावा किया कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान "आठ युद्ध समाप्त किए"। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें लगा था कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को रुकवाना "थोड़ा आसान होगा, लेकिन इसे आसान नहीं बनाया जा रहा है।" ट्रंप ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा: "मुझे यह जानकर निराशा हुई है कि राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अभी तक प्रस्ताव नहीं पढ़ा है। रूस को इससे कोई आपत्ति नहीं है। जेलेंस्की के लोगों को भी प्रस्ताव पसंद आया, लेकिन मुझे जेलेंस्की को इससे आपत्ति है। क्या अब वह नहीं चाहते कि युद्ध खत्म हो?" ट्रंप का यह दावा वैश्विक शांति प्रयासों पर दबाव बनाता है, खासकर तब जब अमेरिका, यूक्रेन का सबसे बड़ा सैन्य और वित्तीय समर्थक है।
जेलेंस्की गुप्त शांति वार्ता में व्यस्त, बदलाव की उम्मीद
डोनाल्ड ट्रंप के बयान के विपरीत, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक वीडियो जारी कर अपनी सरकार द्वारा किए जा रहे गुप्त शांति प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्री उमरोव और जनरल ह्नातोव अमेरिका से यूरोप की ओर जा रहे हैं, जहां वे गुप्त शांति वार्ता कर रहे हैं। जेलेंस्की को उम्मीद है कि उन्हें इस बारे में पूरी जानकारी मिलेगी कि अमेरिकियों ने रूस को क्या संदेश दिया है और अमेरिका अब यूक्रेन पीस प्लान के किन बिंदुओं में बदलाव करने को तैयार है।
जेलेंस्की ने यह भी बताया कि स्टीव विटकॉफ और जेरेड कुशनर के साथ उनकी हालिया बातचीत "रचनात्मक लेकिन कठिन" रही। लंदन और ब्रुसेल्स में अगली बैठकें होंगी, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि फिलहाल जंग रोकने को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई है, जिसके चलते रूसी सेना लगातार हमले कर रही है।
जेलेंस्की: रूस को ठहराना होगा जिम्मेदार
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि यूक्रेन "सम्मानजनक शांति" का हकदार है और शांति होगी या नहीं, यह पूरी तरह से रूस पर निर्भर करता है। उन्होंने जोर दिया कि: "रूस को उसके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। रोजाना यूक्रेन पर हमला करने के लिए, हमारे लोगों के खिलाफ लगातार आतंक फैलाने के लिए और खुद से युद्ध की शुरुआत करने के लिए।" उन्होंने कहा कि रूस की सेना अब रिहायशी इलाकों में बम गिराने लगी है, जिससे लोगों के घर तबाह हो रहे हैं, जो एक "अत्याचार" है। उनका बयान साफ करता है कि जब तक रूस पूरी तरह से अपनी आक्रामकता नहीं रोकता, तब तक किसी भी शांति प्रस्ताव पर सहमति बनना मुश्किल है, भले ही वह प्रस्ताव रूस को 'आपत्तिजनक' न लगा हो।